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पिता-पुत्री की हत्या करने वाले दामाद व दो दोस्तों को आजीवन कारावास की सजा

द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने सनसनीखेज मामले में सुनाया फैसला

देवास/सोनकच्छ। 26 जून 18 को फोरलेन स्थित एक पेट्राल पंप के पीछे खरपड़ी मार्ग के समीप खेत में पिता व पुत्री की नृशंस हत्या मामले में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

26 जून 18 को दामाद ने अपने साथियों के साथ शिवपुरी से सोनकच्छ लाकर साथियों के साथ मिलकर ससुर व पत्नि की हत्या कर दी थी। जिसमें ससुर की मौके पर ही मौत हो गई थी व पत्नि को मरा समझकर खेत में छोड़कर फरार हो गए थे। 27 जून को घायल पत्नि की एमवाय इन्दौर में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। 

तत्कालीन टीआई राजेंद्र चतुर्वेदी ने 58 घंटे के अन्दर घटना का खुलासा कर मुख्य आरोपी विशाल हरिओम व्यास (32) निवासी अंजनी नगर इन्दौर व उसके मित्र सन्नी अशोक गुप्ता निवासी बी सेक्टर तुलसी नगर इन्दौर, व सूरजसिंह ओमप्रकाश ठाकुर निवासी पीपल्या कुमार इंदौर को गिरफ्तार कर लिया। मामले को लेकर आरोपी विशाल ने पुलिस को बताया था कि, मृतिका रजनी से मेरी शादी गत 8 मार्च को हुई थी। शादी के बाद से ही वह मुझ पर मेरी भाभी से अवैध संबंध होने का आरोप लगा रही थी तथा अलग मकान में रहने की जिद कर रही थी साथ ही उसके पिता महेश उपाध्याय भी मुझ पर अलग मकान लेकर रहने का दबाव बना रहे थे एवं धमकी दे रहे थे कि अलग नही रहोगे तो पुलिस में बंद करा देंगे। विशाल ने दोस्तों के साथ प्लानिंग की व 24 जून को उसके मित्र सुरेन्द्र कुमार राजलवाल निवासी सुखलिया इन्दौर के बडे भाई नागेन्द्र की कार क्रमांक एमपी 09 सीपी 3767 बाहर जाने के नाम पर मांगी तथा इन्दौर से एक लीटर पेट्रोल खरीदकर कार की डिक्की मे रखा और हम कार से सोनकच्छ काला पीपल होते हुये 25 जून की सुबह करीब 5 बजे शिवपुरी ससुराल पहुंचे तथा रात्रि मे 10.30 बजे शिवपुरी से पत्नि रजनी ससुर महेश को लेकर ब्यावरा आये जहां तीनों दोस्तों ने एक ढाबे पर शराब पी व 100 ग्राम मिर्ची पाउडर खरीदा। ब्यावरा से सोनकच्छ आये एक पेट्राल पंप के पीछे उसने गाडी रोकी व पत्नि व ससुर को बोला कि फ्रेश हो लो, पास ही मेरे मामा का मकान है फिर वहाँ चलेगें तब वे दोनो गाडी से नीचे उतरे वैसे ही विशाल व सूरजसिहं ने मिर्ची का पाउडर दोनों की आंखों पर फेंक दिया और बाटल में भरे पेट्रोल को सन्नी ने दोनों पर छिडक दिया फिर विशाल ने माचिस से दोनो को जला दिया। ससुर ने जली हुई बनियान को फाडकर शरीर से अलग कर दी इसी प्रकार रजनी ने भी जलती साडी निकालकर फेंक दी जिसके बाद दोनो खेत मे भागे जहां मिट्टी गीली होने दोनो गिर गए। तभी विशाल ने पत्थर उठाकर ससुर के सिर पर लगातार प्रहार किए उधर सन्नी ने पत्थर उठाकर रजनी के सिर पर प्रहार किए एवं दोनो को मरा जानकर वे लोग देवास बायपास पहुंचे जहां 5 सौ रुपये का कार में डीजल डलवाया। क्षिप्रा नदी पुल पर पहुचे जहां ट्रोली वाला बैग जिसमे दोनो के कपडे थे को नदी मे फेक दिया। इन्दौर पहुंचकर ससुर के फोन से शिवपुरी साले को फोन किया व बताया कि सोनकच्छ के पास हमारा एक्सीडेंट हो गया है। इसी के बाद मेरे मोबाईल फोन तथा ससुर के माबाईल फोन की दो सिम दाँतो से चबाकर रास्ते मे फेंक दी। बाद उसके दोस्त अपने अपने घर चले गये । विशाल ने कार उसके मित्र के घर वापस दे दी तथा 15 सौ रुपये डीजल खर्च के दिए एवं सन्नी के साथ ओंकारेश्वर जाकर घाट पर रात बिताई थी। साढ़े तीन साल चली लंबी सुनवाई के बाद बुधवार को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपियों को हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए प्रत्येक आरोपी पर 11 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। इधर शासकीय अधिवक्ता ने निर्मम हत्या को लेकर न्यायाधीश से मृत्युदंड देने की अपील की थी । 

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