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सोलर पंप के नाम पर हो रही धोखाधड़ी, किसान रहें सतर्क, सिर्फ उर्जा विकास निगम के माध्यम से मिलता है योजना का लाभ

देवास लाइव। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना के नाम पर किसान धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं।  केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही कुसुम योजना के नाम पर खातेगांव के किसान को ठगा गया और करीब डेढ़ लाख रुपए अवैध रूप से वसूल कर लिए गए।

मध्यप्रदेश में कुसुम योजना के नाम पर सोलर पंप नहीं दिए जा रहे हैं बल्कि मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना के माध्यम से ऊर्जा विकास निगम किसानों का रजिस्ट्रेशन कर सब्सिडी देकर यह पंप सप्लाई करता है।   फिलहाल इस योजना में रजिस्ट्रेशन भी नहीं हो रहे हैं इसी का लाभ उठाकर ठग ऑनलाइन वेबसाइट बनाकर ठगी का धंधा चला रहे हैं।

खातेगांव तहसील के गांव कांकड़कुई के एक किसान के साथ पीएम कुसुम योजना के तहत साेलर पंप लगाने के नाम पर 1 लाख 24 हजार रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पीड़ित किसान जीवनसिंह मीणा ने बताया 29 सितंबर को पीएम कुसुम योजना के बारे में गूगल पर तलाश कर रहा था। इसमें मुझे एक वेबसाइट  दिखी। मैंने अपना नाम, मोबाइल नंबर सहित अन्य व्यक्तिगत जानकारी फाॅर्म में भर दी। अगले दिन मुझे फोन आया। कॉल करने वाले ने स्वयं को योजना का अधिकारी बताया।

30 सितंबर को रजिस्ट्रेशन के नाम पर 5600 रुपए बंधन बैंक के अकाउंट नंबर 50200011658111 में जमा करवाए। इसके बाद उन्होंने साेलर पंप की डिटेल भेजी और बताया कि आपके साथ 20 साल का एग्रीमेंट किया जाएगा। मुझसे कुल मिलाकर 1 लाख 24 हजार 525 रुपए जमा करवा लिए गए। मुझ पर विश्वास जमाने के लिए उन्होंने अपने आईडी, रजिस्ट्रेशन, अप्रूवल लेटर, एग्रीमेंट कॉपी और अन्य कई दस्तावेज भेजे। जब मुझे कुछ शंका हुई तो मैं इस बारे में जानकारी लेने कृषि विभाग खातेगांव पहुंचा। उन्हें भी ये लोग फर्जी लगे।

ठगी से बचें किसान- उर्जा विकास निगम

मामले की जानकारी मिलने के बाद उर्जा विकास निगम के कार्यपालन यंत्री अलोक व्यास ने प्रेस नोट जारी कर जानकारी दी है की किसान ऑनलाइन ठगी के शिकार होने से बचें और जिले में स्थित उर्जा विकास निगम के कार्यालय में जिले अक्षय उर्जा अधिकारी से संपर्क में रहें। वर्तमान में मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना में किसी भी किसान से ऑनलाइन पेमेंट जमा नहीं करवाया जा रहा है। यह काम इ चालान से ही किया जाता है।

ऑनलाइन की जा रही है ठगी 

सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं के मिलते-जुलते नाम से कई फर्जी वेबसाइट चल रही हैं। जिन पर दिए फॉर्म भरने से जानकारी ठगों तक पहुंच जाती है और फिर वे फर्जी तरीके से ठगने का काम करते हैं। हमारी सलाह है कि ऐसी किसी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए इंटरनेट के बजाए सबसे पहले संबंधित विभाग के कार्यालय या उस विभाग के अधिकारी से मिलकर जानकारी लें ताकि इस तरह से होने वाली धोखाधड़ी से बचा जा सके।

Sneha
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