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देवास कलेक्टर को मिली ‘वॉटरमैन’ की उपाधि, जल संचय मिशन में हो रहा उत्कृष्ट कार्य

देवास, 04 सितंबर 2024 – देवास जिले में जल संचय के लिए चलाए जा रहे “अमृत संचय अभियान” के तीन महीने में 225 करोड़ लीटर वर्षा जल का संचय किया गया है। इस महत्वपूर्ण प्रयास की अगुवाई कर रहे कलेक्टर  ऋषभ गुप्ता को इस उत्कृष्ट कार्य के लिए पत्रकारों द्वारा ‘वॉटरमैन’ की उपाधि दी गई। प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने अभियान के तहत किए गए कार्यों और आगामी योजनाओं की जानकारी दी।

वैज्ञानिक दल का निरीक्षण और सराहना
अभियान के तहत बनाई जा रही जल संचय संरचनाओं का निरीक्षण करने भोपाल से आए वैज्ञानिक दल ने इन कार्यों की सराहना की। दल में डॉ. कपिल खरे, डॉ. रवि भारद्वाज, डॉ. हरि नटराजन, और श्री जिशांत सिद्धि शामिल थे। वैज्ञानिकों ने जल संचय के लिए बनाए गए ढांचों को देखकर कहा कि पूरे प्रदेश में ऐसा समन्वय कहीं और देखने को नहीं मिला। देवास में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, “जिस प्रकार स्वच्छता में इंदौर देश में प्रथम स्थान पर है, उसी प्रकार जल संरक्षण के मामले में देवास का स्थान पूरे देश में पहले नंबर पर रहेगा।”

वर्षा जल संचय के लिए नवाचार
कलेक्टर श्री गुप्ता ने बताया कि जल संचय संरचनाओं के निर्माण की सही दिशा में निगरानी और थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन किया जा रहा है, जिसके लिए वैज्ञानिकों का दल बुलाया गया था। इन संरचनाओं की जांच के बाद वैज्ञानिकों ने राज्य सरकार को अपनी फीडबैक रिपोर्ट प्रस्तुत की है। साथ ही, जल जीवन मिशन के तहत बनाई गई संरचनाओं के पास जल संचय के लिए और भी जल संग्रहण ढांचे तैयार किए जाएंगे।

आगामी योजनाएं
कलेक्टर गुप्ता ने बताया कि जिले में जल संचय के प्रयासों को व्यापक स्तर पर ले जाने के लिए एक साल की कार्य योजना तैयार की जा रही है। इसके अंतर्गत जिले के हर घर में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए नागरिकों को जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही जिले में स्थित 40 से 50 बड़े और मीडियम उद्योगों, और लगभग 250 छोटे उद्योगों में जल संचय संरचनाओं का निर्माण भी किया जाएगा।

स्कूलों में जल संचय के प्रति जागरूकता
कलेक्टर गुप्ता ने बताया कि जिले के स्कूलों में बच्चों को जल संरक्षण के महत्व को समझाने के लिए एक विशेष मॉड्यूल तैयार किया जा रहा है। अगले 6 महीनों में 6 मॉड्यूल के माध्यम से बच्चों को जल संचय की शिक्षा दी जाएगी। इसके अलावा, स्कूलों में पैरेंट-टीचर मीटिंग्स का आयोजन किया जाएगा, जिसकी शुरुआत सेंट्रल इंडिया स्कूल से की जा रही है।

शंकरगढ़ पहाड़ी पर वृक्षारोपण और बोरी बंधान
जल संचय को बढ़ावा देने के लिए शंकरगढ़ पहाड़ी पर सात स्थानों पर बोरी बंधान का कार्य किया जाएगा। इसके अलावा, 05 सितंबर को इस पहाड़ी पर 5000 पौधे लगाए जाएंगे, जिससे न केवल जल संचय में मदद मिलेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का भी कार्य किया जाएगा।

वैज्ञानिक दल की प्रशंसा
वैज्ञानिक दल ने कहा कि देवास जिले में जल संचय के लिए जिस प्रकार का समन्वय और प्रयास किए जा रहे हैं, वह पूरे प्रदेश में मिसाल बनेंगे। तीन महीनों में इतने बड़े पैमाने पर जल संचय का कार्य करना तारीफ के काबिल है। देवास कलेक्टर श्री गुप्ता के नेतृत्व में चलाए जा रहे इस अभियान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इस कार्य को अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा।

इस प्रेस वार्ता में वैज्ञानिक दल के साथ डॉ. समीरा नईम, डॉ. सुनील चतुर्वेदी, श्री श्रीकांत उपाध्याय, श्री मोहन वर्मा, श्री गंगा सिंह सोलंकी, और अमृत संचय टीम के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

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