मध्य प्रदेश के देवास जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। महिला थाना देवास में पदस्थ प्रधान आरक्षक शाहीन खान को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। यह कार्रवाई पुलिस महानिदेशक लोकायुक्त भोपाल के निर्देशन और पुलिस अधीक्षक आनंद यादव लोकायुक्त उज्जैन के मार्गदर्शन में की गई।
शिकायतकर्ता विशाल परमार ने 19 दिसंबर 2025 को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त उज्जैन से शिकायत की थी कि उनकी पत्नी अर्चना ने महिला थाने में मारपीट और दहेज प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत पर कार्रवाई न करने के बदले प्रधान आरक्षक शाहीन खान ने 15 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। शिकायत की सत्यता जांचने पर निरीक्षक दीपक सेजवार ने इसे सही पाया।
इसके बाद 23 दिसंबर 2025 को लोकायुक्त टीम ने ट्रैप दल गठित कर कार्रवाई की। विशाल परमार से रिश्वत की रकम लेते हुए शाहीन खान को मौके पर ही धर दबोचा गया। लोकायुक्त पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई जारी है।
इस घटना पर देवास जिले के पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद ने कड़ी कार्रवाई करते हुए ट्रैप में पकड़ी गई महिला प्रधान आरक्षक शाहीन खान को पुलिस विभाग की छवि को धूमिल करने के आरोप में तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है, इसके साथ ही महिला थाना प्रभारी सुनीता कटारा को लाइन हाजिर कर दिया है। यह कदम भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक है, जिससे पुलिस महकमे में साफ-सुथरी कार्यप्रणाली को बढ़ावा मिलेगा और आमजन में विश्वास मजबूत होगा।