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राष्ट्रीय जल पुरस्कार: देवास ने स्थापित किया जल संचय का नया कीर्तिमान, देश में 9वां स्थान, 550 करोड़ लीटर पानी रिचार्ज

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देवास/नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली में आयोजित एक गरिमामय समारोह में छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रदान किए, जिसमें देवास जिले ने ‘जल संचय-जन भागीदारी’ की अपनी अभूतपूर्व सफलता से देश भर में अपनी पहचान बनाई है। पश्चिमी जोन की कैटेगरी 3 में देवास को देश में 9वां स्थान हासिल हुआ है। इस उपलब्धि के लिए जिला पंचायत सीईओ ज्योति शर्मा ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से पुरस्कार ग्रहण किया।

जन भागीदारी से 550 करोड़ लीटर पानी रिचार्ज

देवास की यह सफलता जनभागीदारी और प्रशासनिक संकल्प का परिणाम है। कलेक्टर ऋतुराजसिंह ने बताया कि बीते ढाई साल में जिले में 12 हजार से अधिक नई जल संरचनाओं का निर्माण किया गया है। इन संरचनाओं की मदद से अकेले 250 करोड़ लीटर पानी को भूमि में रिचार्ज किया गया। इसके अलावा, पिछले डेढ़ साल में कुल 550 करोड़ लीटर से अधिक जल धरती में उतारकर जलस्तर को बढ़ाने में मदद मिली है। इस “अमृत संचय अभियान” को बारिश से पहले ही 6 हजार से अधिक संरचनाएं तैयार कर नया आयाम दिया गया।

‘वाटर मैन’ ऋषव गुप्ता का विशेष योगदान

​देवास को यह महत्वपूर्ण सम्मान दिलाने में तत्कालीन कलेक्टर ऋषव गुप्ता का विशेष योगदान रहा। जिले में जल संरक्षण के लिए किए गए उनके प्रयासों के कारण उन्हें स्थानीय रूप से ‘वाटर मैन’ की संज्ञा भी दी गई थी। इस पुरस्कार से न सिर्फ देवास का नाम रोशन हुआ है, बल्कि जिले के लिए 25 लाख रुपए की पुरस्कार राशि भी प्राप्त हुई है।

अवसर चूकने का मलाल: अपलोड होतीं सभी संरचनाएं तो मिलता दूसरा स्थान

​अधिकारियों ने बताया कि यह उपलब्धि और भी बड़ी हो सकती थी। जल शक्ति मंत्रालय के पोर्टल पर केवल 8333 संरचनाएं ही अपलोड हो सकीं, जबकि वास्तविक संख्या 12 हजार से अधिक थी। कलेक्टर ऋतुराजसिंह ने बताया कि यदि सभी संरचनाओं को सफलतापूर्वक पोर्टल पर अपलोड किया जाता, तो देवास दूसरा स्थान हासिल कर 1 करोड़ रुपए से अधिक का बड़ा पुरस्कार जीत सकता था।

मध्य प्रदेश का दबदबा

​राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में मध्य प्रदेश का प्रदर्शन शानदार रहा। खंडवा जिले को पश्चिमी जोन में “जल संचय, जन भागीदारी” में देश में पहला स्थान मिला, जबकि धार 5वें और गुना 2रे स्थान पर रहा। देवास का 9वां स्थान प्रदेश के जल संरक्षण के प्रयासों की व्यापक सफलता को दर्शाता है और अन्य जिलों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

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