भाजपा नेता ने विधवा बहन का पुनर्विवाह कर समाज को दिया संदेश, बोले बहन को खुश रहने का अधिकार


देवास। पुरानी मान्यताओं के अनुसार राजपूत समाज में विधवाओं का पुनर्विवाह नहीं किया जाता है। इस कारण विधवा महिलाओं को न सिर्फ आर्थिक परेशानी करना पड़ता है, बल्कि शुभ अवसरों पर उन्हें सामाजिक तिरस्कार भी झेलना पड़ता है। 
विधवा महिलाओं की इसी पीड़ा को देखते हुए इटावा में रहने वाले राजेंद्र सिंह ठाकुर ने अपनी विधवा बहन का पुनर्विवाह कर न सिर्फ राजपूत समाज बल्कि संपूर्ण हिंदू समाज को एक संदेश दिया है कि विधवा महिलाओं को भी पुनर्विवाह कर अपने जीवन में खुशहाली लाने का पूरा अधिकार है। 

भाजपा नेता राजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि उनकी बहन ममता ठाकुर का विवाह वर्ष 2003 में ग्राम छोटी चुरलाय में रहने वाले लाखन सिंह से हुआ था और वर्ष 2018 में लाखन सिंह की हृदयघात से मृत्यु हो गई। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण राजेंद्र सिंह अपनी बहन व 11 वर्षीय भांजी को एक माह बाद अपने घर इटावा ले आए। तभी से राजेंद्र सिंह अपनी बहन का पुनर्विवाह करने के लिए चिंतन-मनन करते रहे, किंतु सामाजिक बंधन आने के कारण वे अंतिम निर्णय नहीं ले सके। 
इसी बीच अलकापुरी कालोनी में रहने वाले जितेंद्र सिंह ठाकुर का रिश्ता आया। जितेंद्र सिंह की पत्नी का देहांत 15 वर्ष पूर्व हो चुका था और उनकी कोई संतान नहीं थी। दोनों परिवारों के बीच रिश्ते की बात हुई और तय होने के बाद गत दिवस बिलावली स्थित शिव मंदिर में चुनिंदा परिजनों के बीच पूरे विधि विधान के साथ जितेंद्र सिंह व ममता का पुनर्विवाह कर समाज को अच्छा संदेश दिया। 
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