देवास लाइव, Dewas Live News MadhyaPradesh

मामा जी का यह कैसा सुशासन, महिला पुलिस अधिकारी को सहन न कर सके भाजपाई नेता, बागली से 3 महीने में ही थाने से हटाई गई

1

देवास लाइव। मध्यप्रदेश में अब शासन चाल चरित्र वाली पार्टी का है लेकिन देखने में अब कुछ और ही आ रहा है। भाजपा नेता कांग्रेस की सरकार पर ट्रांसफर उद्योग चलाने का आरोप लगाते थे। लेकिन अब वही बातें भाजपा सरकार में भी सामने आ रही हैं।

दरअसल कर्मठ प्रवृत्ति से काम करने की आदी निरीक्षक शैलजा भदोरिया का 3 महीने के अंदर ही बागली से तबादला देवास महिला सेल में कर दिया गया। तबादले के पीछे कहानी नेताओं से अनबन बताई जा रही है।

सूत्रों के अनुसार कुछ नेता क्षेत्र में जुए सट्टे के कारोबार के संरक्षक बने थे। लेकिन थाना प्रभारी ने क्षेत्र में जुआ सट्टा नहीं चलने दिया। क्षेत्रीय खंडवा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के कान भरे गए और उसके बाद क्षेत्रीय विधायक कन्नौजे को भी विश्वास में लिया गया। एसपी शिवदयाल सिंह पर दबाव बनाकर ट्रांसफर करवा दिया गया। शैलजा भदोरिया अब देवास में महिला सेल का काम देखेंगी।

कांग्रेसी नेताओं की बात मानने वाले निरीक्षक अब बागली थाना प्रभारी

मजे की बात यह है कि अब बागली थाने पर ब्रजेश श्रीवास्तव को थाना प्रभारी के रूप में भेजा गया है। कांग्रेस शासन के समय इन पर आरोप था कि यह पूरी तरह कांग्रेसी नेताओं के कहने पर काम करते हैं। देवास विधायक गायत्री राजे पवार भी इनसे बेहद नाराज थी। भाजपा शासन आते ही इन्हें लूप लाइन में डाल दिया गया। अब इसे ट्रांसफर उद्योग ना कहें तो क्या कहें, जो कांग्रेस शासन में भाजपा के लिए खलनायक थे वही भाजपा शासन में अब साफ-सुथरे हो गए। बताया जा रहा है पूर्व विधायक दीपक जोशी के एक खास समर्थक ने इन्हे थाना दिलवाया है।

जनता के बीच काम से पहचान बनाई

निरीक्षक शैलजा भदोरिया देवास में महिला सेल का काम देखेंगी। लोग उन्हें इसलिए भी पसंद करते हैं क्योंकि उन्होंने लॉकडाउन के समय बेहतर पुलिसिंग का परिचय देते हुए जनसेवा का अनुकरणीय उदाहरण पेश किया था। पुलिस लाइन में रहते हुए भी उन्होंने दिन रात एक कर बुरे समय में लोगों की मदद की थी।

बागली में भी मात्र 3 महीने के कार्यकाल में उन्होंने जनता का दिल जीत लिया। उनके तबादले की खबर मिलने के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर इसकी प्रतिक्रिया भी दी और कुछ संगठनों ने तबादले के खिलाफ ज्ञापन भी दिए।

You cannot print contents of this website.
Exit mobile version