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बांग्लादेश में हो रही हिंसा के विरोध में देवास में सर्व समाज का विशाल प्रदर्शन

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हजारों की संख्या में शामिल हुए जिलेभर के लोग, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

देवास। बांग्लादेश में हो रहे नरसंहार और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी क्रम में देवास में भी सर्व समाज ने एक विशाल प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इस प्रदर्शन में जिलेभर से हजारों लोग शामिल हुए।

प्रदर्शन की शुरुआत और आयोजन स्थल

यह प्रदर्शन राधागंज स्थित क्लब मैदान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत संतों और समाज प्रमुखों द्वारा भारत माता के चरणों में पुष्प अर्पित कर और दीप प्रज्ज्वलन से की गई। इस अवसर पर कई संत और समाज के प्रमुख प्रतिनिधि मंच पर उपस्थित रहे, जिनका परिचय दिनेश राठौर ने करवाया।

संतों और समाज प्रमुखों का संबोधन

सभा को संबोधित करते हुए संत ब्रह्मचारी श्री प्रकाश आनंद जी महाराज ने कहा, “बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह केवल एक जाति, पंथ या समाज पर अत्याचार नहीं है, बल्कि यह पूरी मानवता पर हमला है। देवास का सर्व समाज भारत सरकार से अपेक्षा करता है कि वह इस मुद्दे पर सकारात्मक हस्तक्षेप करे और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए।”

हिंदू जागरण मंच के प्रांत सह संयोजक राजेश खत्री ने कहा, “बांग्लादेश कभी भारत का हिस्सा था। वहां के मुख्य निवासी भगवान कृष्ण और काली माता की पूजा करते हैं। 1947 में भारत विभाजन के बाद बने पूर्वी पाकिस्तान को 1971 में भारतीय सेना ने कट्टरपंथियों से मुक्ति दिलाई। लेकिन आज वहां का घटनाक्रम आरक्षण विरोधी आंदोलन से शुरू होकर नरसंहार तक पहुंच गया है।”

महिलाओं के उत्पीड़न पर चिंता

एबीवीपी की प्रदेश मंत्री राधिका सिकरवार ने कहा, “बांग्लादेश में जिन बहनों का मानभंग हुआ है, उनकी पीड़ा को सोचकर हृदय कांप उठता है। यदि आज हम नहीं जागे तो यह आग पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लेगी। यह कृष्ण की भूमि है, और यदि द्रोपदी का चीरहरण होगा तो पूरा भारत कृष्ण रूप धारण कर दुष्टों का नाश करेगा।”

मानवाधिकारों के उल्लंघन पर रोष

समाजसेवी नरेंद्र जैन ने कहा, “बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं, बल्कि हमारी साझा सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत पर भी हमला हैं। हजारों हिंदू, बौद्ध और ईसाई परिवार विस्थापित हो रहे हैं। उनके धार्मिक स्थलों को तोड़ा जा रहा है और उनकी धार्मिक स्वतंत्रता पर आघात किया जा रहा है। यह बांग्लादेश के संविधान और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों का उल्लंघन है।”

रैली और ज्ञापन

सभा के बाद जनाक्रोश रैली क्लब मैदान से प्रारंभ होकर भोपाल चौराहा, नाहर दरवाजा, नयापुरा होते हुए जवाहर चौक तक निकाली गई। रैली में मातृशक्ति सबसे आगे चल रही थी, जबकि समाजजन नारों से भरी तख्तियां और बैनर लेकर शामिल हुए।

रैली के समापन पर सर्व समाज संयोजक विजय पांचाल ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन का वाचन किया और प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए भारत सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की गई।

व्यापक समर्थन और आयोजन की सफलता

इस प्रदर्शन को जिले के सभी धार्मिक, आध्यात्मिक, सामाजिक, व्यापारिक, व्यावसायिक, राजनीतिक और स्वयंसेवी संगठनों का समर्थन मिला। कई व्यापारिक और व्यावसायिक संगठनों ने स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान बंद रखे।
मंच संचालन योगेश रघुवंशी ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन सह संयोजक सुमेर सिंह फौजी ने किया।

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