
देवास, 07 अगस्त 2025: देवास के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में अपने पिता की हत्या के आरोपी सचिन परमार को माननीय सत्र न्यायालय ने आजीवन सश्रम कारावास और 1,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
घटना 25 जून 2024 की है, जब फरियादी की शिकायत पर थाना सिविल लाइन में अपराध क्रमांक 352/2024, धारा 302 भादवि के तहत मामला दर्ज किया गया। शिकायत के अनुसार, आरोपी सचिन पिता मुन्नालाल परमार, उम्र 20 वर्ष, निवासी त्रिवेणी नगर, देवास, ने अपने पिता मुन्नालाल परमार को सोते समय हथोड़े से सिर पर वार कर उनकी हत्या कर दी थी।
विवेचना के दौरान निरीक्षक ओ.पी. अहीर ने 26 जून 2024 को आरोपी को गिरफ्तार किया। विवेचना पूर्ण होने पर 20 अगस्त 2024 को चालान क्रमांक 336/2024 तैयार कर 3 सितंबर 2024 को माननीय न्यायालय में पेश किया गया।
न्यायालय में विचारण के दौरान सभी आदेशिकाओं की समयबद्ध तामील सुनिश्चित की गई। जिला सहायक लोक अभियोजक श्रीमती जयंती पौराणिक ने अभियोजन की प्रभावी पैरवी की। विवेचक की जांच और अभियोजन के तर्कों के आधार पर माननीय सत्र न्यायाधीश अजय प्रकाश मिश्र ने आरोपी सचिन को अपने पिता की हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन सश्रम कारावास और 1,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।
प्रकरण में कोर्ट मोहर्रिर के रूप में आरक्षक भरत भाटी, कोर्ट मुंशी के रूप में आरक्षक राजकुमार कुमारिया और वारंट मुंशी के रूप में आरक्षक गौरव पिरोनिया ने कार्य किया।


