
देवास। नगर पालिक निगम परिषद का वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट बुधवार को सभापति रवि जैन की अध्यक्षता में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। अनुमानित 763.30 करोड़ रुपये की प्राप्ति के मुकाबले 761.08 करोड़ रुपये के व्यय का प्रस्ताव रखा गया, जिससे 22 लाख रुपये की बचत का दावा किया गया है। इस बजट को नगर के समग्र विकास का दस्तावेज बताते हुए पार्षदों ने समर्थन जताया।
धार्मिक और सामाजिक आयोजनों पर खास ध्यान
बजट में धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। हिंदू नववर्ष, नारी सशक्तिकरण, खिलाड़ियों और छात्र-छात्राओं के सम्मान समारोह, नवरात्रि विसर्जन झांकी के लिए कुल 20 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। वहीं, जनप्रतिनिधियों के प्रशिक्षण और भ्रमण के लिए 20 लाख रुपये का बजट रखा गया है।
हालांकि, यह सवाल उठता है कि जब नगर निगम की वित्तीय स्थिति संतुलित करने की जरूरत है, तब जनप्रतिनिधियों के भ्रमण पर 20 लाख रुपये खर्च करना कितना उचित है? क्या यह राशि नागरिक सुविधाओं में सुधार या बुनियादी ढांचे के विकास में नहीं लगाई जा सकती थी?
गौशाला और श्वानों के लिए बड़ा बजट, लेकिन निगरानी का अभाव
बजट में गौशाला और आवारा श्वानों की देखभाल के लिए भी बड़ा प्रावधान किया गया है। गौशाला में चारे, दवाइयों और अन्य व्यवस्थाओं के लिए 1 करोड़ रुपये, नई गौशाला निर्माण के लिए 6.20 करोड़ रुपये और रखरखाव के लिए 25 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा, आवारा श्वानों की नसबंदी के लिए 20 लाख रुपये और श्वान हाउस निर्माण के लिए 50 लाख रुपये का बजट रखा गया है।
पिछले वर्षों में गौशाला और श्वानों के लिए बड़ी राशि आवंटित की गई, लेकिन धरातल पर इसके प्रभाव को लेकर सवाल उठते रहे हैं। क्या इस बार इन योजनाओं की सही निगरानी सुनिश्चित की जाएगी?
स्वच्छता और पर्यावरण के लिए योजनाएं, लेकिन क्रियान्वयन पर संदेह
स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के तहत निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 1.80 करोड़ रुपये, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 26.94 करोड़ रुपये और यूजर चार्ज की निगरानी के लिए 3 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं, ए.बी. रोड पर संविधान पार्क और मधमिलन चौराहे पर उद्यान निर्माण के लिए 2 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
देवास में पहले भी स्वच्छता और पर्यावरण सुधार के लिए योजनाएं बनाई गईं, लेकिन उनकी प्रभावशीलता पर सवाल उठे। उदाहरण के तौर पर, ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरा निस्तारण और वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की स्थिति बेहतर नहीं रही। क्या इस बार नगर निगम अपने वादों को जमीन पर उतार पाएगा?
सोलर प्लांट से बिजली बचत की योजना
नगर निगम ने अपने बिजली खर्च को कम करने के लिए नगर सीमा क्षेत्र में सोलर प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। इससे निगम कार्यालय, स्ट्रीट लाइट, एसटीपी प्लांट, गार्डन और अन्य स्थानों की बिजली जरूरत पूरी की जाएगी। फिलहाल निगम को बिजली बिल पर 15 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं, और इस योजना से 8 करोड़ रुपये की बचत संभावित बताई जा रही है।
हालांकि, इससे पहले भी कई योजनाएं बनीं, लेकिन बजट आवंटन के बाद उनके क्रियान्वयन की स्थिति सवालों के घेरे में रही। क्या सोलर प्लांट की यह योजना केवल कागजों तक सीमित रहेगी, या वास्तव में नगर निगम इसे अमल में लाएगा?
सम्पत्तिकर बढ़ाने का प्रस्ताव, लेकिन पारदर्शिता जरूरी
नगर निगम ने शिक्षण संस्थानों, मॉल पार्किंग, औद्योगिक क्षेत्रों में खाली पड़ी निजी भूमि पर संपत्तिकर लगाने का प्रस्ताव भी पारित किया है। यह कदम नगर निगम की आय बढ़ाने के लिए उठाया गया है, लेकिन इससे स्थानीय व्यापारियों और संस्थानों पर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है। क्या इस प्रस्ताव पर पारदर्शिता बरती जाएगी, और क्या यह कर केवल बड़े संस्थानों पर लागू होगा या आम जनता भी इसकी चपेट में आएगी?
नगर विकास और बुनियादी ढांचे के लिए बजट
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2000 लाभार्थियों के लिए 20 करोड़ रुपये।
देवास-इंदौर, देवास-उज्जैन और देवास-भोपाल मार्गों पर 10 इलेक्ट्रिक बसों की खरीदी के लिए 7.50 करोड़ रुपये।
बिलावली और राजोदा जेल के पास इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन के लिए 3 करोड़ रुपये।
शहर में बस टर्मिनल कम डिपो और शहरी परिवहन नियंत्रण केंद्र के लिए 1.80 करोड़ रुपये।
शव वाहन खरीदी और संचालन के लिए 25 लाख रुपये।
अमृत 2.0 योजना के तहत जलप्रदाय और सीवरेज सुधार
सात ओवरहेड वॉटर टैंक, 181 किमी पाइपलाइन, इंटेक वेल और वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 77 करोड़ रुपये।
सीवरेज योजना के तहत 189 किमी सीवरेज लाइन, 7,000 मेन होल और 1.5 एमएलडी के दो ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 57.78 करोड़ रुपये।
मीठा तालाब, बालगढ़ तालाब और राजानल तालाब के विकास के लिए 1.50 करोड़ रुपये।
अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव
वन नेशन वन इलेक्शन पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित।
ईटावा बस स्टैंड को पीपीपी योजना में देने का प्रस्ताव।
रानीबाग स्थित खाली जमीन पर व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स निर्माण का प्रस्ताव।
नगर निगम का यह बजट संतुलित दिखता है, लेकिन इसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन पर बारीकी से नजर रखना जरूरी है। खासकर धार्मिक आयोजनों, जनप्रतिनिधियों के भ्रमण, स्वच्छता योजनाओं और संपत्तिकर वृद्धि जैसे मामलों में जवाबदेही तय की जानी चाहिए। अब देखना होगा कि नगर निगम इस बजट को कागजों से निकालकर हकीकत में कितना उतार पाता है।


