देवास लाइव, Dewas Live News MadhyaPradesh

क्षिप्रा शुद्धिकरण अभियान: कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने किया ग्रामीणों से संवाद

7

देवास, 22 मई 2024: कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता ने ग्राम कैलोद और रूद्रवासा में जाकर ग्रामीणों से संवाद किया। संवाद का मुख्य उद्देश्य क्षिप्रा शुद्धिकरण और क्षिप्रा में मिल रहे नालों की सफाई और संरक्षण के संबंध में जानकारी देना था। उन्होंने सरपंच, पटवारी, सचिव, जीआरएस, और सब इंजीनियर से नालों की सफाई और संरक्षण के लिए बनाए गए प्लान के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। कलेक्टर श्री गुप्ता ने स्पष्ट किया कि हमारा मुख्य लक्ष्य क्षिप्रा के पानी को पूर्ण रूप से शुद्ध करना है, और यह कार्य सभी के सहयोग से ही संभव हो पाएगा। उन्होंने गंदे पानी को क्षिप्रा में जाने से रोकने की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया।

कलेक्टर श्री गुप्ता ने नालों के संरक्षण और अतिक्रमण हटाने की मुहिम के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि नाले जो नदियों में मिलते हैं, उनके प्रवाह को बढ़ाने के लिए नालों का संरक्षण करना जरूरी है। इसके लिए गंदा पानी नालों में जाने से रोकना होगा और नालों के आसपास से अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने पटवारी को निर्देश दिया कि सीमांकन का कार्य करके अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया पूरी की जाए। अतिक्रमण हटाकर नालों के दोनों ओर 50-50 मीटर तक पौधारोपण किया जाएगा।

पौधारोपण योजना के तहत, नालों के 10 मीटर तक पानी सहजने वाले पौधे और उसके बाद फलदार एवं छायादार पौधे लगाए जाएंगे। इसके लिए 109 ग्रामों में पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा। किसान अपनी भूमि पर स्वयं पौधे लगा सकते हैं और सरकार से सहायता भी प्राप्त कर सकते हैं। कलेक्टर ने पौधारोपण के लिए बारिश से पहले गड्ढे तैयार करने के निर्देश भी दिए।

ग्राम पंचायत स्तर पर दलों का गठन किया गया है, जो क्षिप्रा शुद्धिकरण, तरल एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, और जल एवं मृदा संरक्षण की गतिविधियों के निष्पादन के लिए काम करेंगे। जिले में इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर सक्रिय दल कार्यरत हैं।

इस दौरान सीईओ जिला पंचायत श्री हिमांशु प्रजापति सहित अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे। कलेक्टर श्री गुप्ता ने कहा कि नदियों का संरक्षण आवश्यक है, अन्यथा भविष्य में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। नदियों के संरक्षण के बिना भविष्य में जल संकट जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

You cannot print contents of this website.
Exit mobile version