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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का ऐतिहासिक कदम: लाड़ली बहनों को 12 नवंबर से मिलेंगे ₹1500, अब तक 44 हजार करोड़ से अधिक का अंतरण

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देवास, 11 नवंबर 2025: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन और नेतृत्व में मध्य प्रदेश में नारी सशक्तिकरण का अभियान द्रुतगति से जारी है, जिसके तहत लाड़ली बहना योजना में एक बड़ा बदलाव किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की 1 करोड़ 26 लाख से अधिक लाड़ली बहनों से किया अपना वादा पूरा करते हुए, इस माह से योजना की राशि बढ़ाकर ₹1500 करने की घोषणा की है। बढ़ी हुई इस ऐतिहासिक राशि के अंतरण की शुरुआत 12 नवंबर 2025 को सिवनी में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा की जाएगी। मुख्यमंत्री की इस पहल पर प्रदेश की लाड़ली बहनें अपने ‘भैया मोहन’ के प्रति आभार व्यक्त कर रही हैं।

​मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना ने प्रदेश की महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। जून 2023 से अक्टूबर 2025 तक, योजना के अंतर्गत लाभार्थी महिलाओं को कुल 29 किस्तों में नियमित आर्थिक सहायता राशि का अंतरण किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप अब तक कुल 44,917.92 करोड़ रुपये की विशाल राशि सीधे उनके खातों में भेजी जा चुकी है। इसके अतिरिक्त, रक्षा बंधन के अवसर पर अगस्त 2023, अगस्त 2024 और अगस्त 2025 में लाभार्थी महिलाओं को तीन बार ₹250 की विशेष सहायता राशि भी प्रदान की गई थी। योजना की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश के सभी 52 जिलों में कुल 1,26,36,250 (एक करोड़ 26 लाख 36 हजार 250) महिलाओं को इस योजना का लाभ प्राप्त हुआ है।

​प्रदेश सरकार द्वारा संचालित यह महत्वाकांक्षी योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा रही है। इस योजना के माध्यम से महिलाएँ न केवल अपनी छोटी-छोटी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा कर रही हैं, बल्कि इस राशि का उपयोग बच्चों की शिक्षा और छोटे व्यापार के लिए पूंजी के रूप में भी कर रही हैं। योजना से महिलाएं सीधे बैंकिंग प्रणाली से जुड़ रही हैं, जिससे उनमें आर्थिक जागरूकता बढ़ी है और पारिवारिक निर्णयों में भी उनकी भूमिका सुदृढ़ हुई है।

​योजना की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेशभर में बड़ी संख्या में महिलाओं को लाभ मिला है, जिसमें इंदौर जिला 4,40,723 लाभार्थियों के साथ सबसे आगे है। इसके बाद सागर में 4,19,903 और रीवा में 4,03,182 महिलाओं को लाभ मिला है। छिंदवाड़ा (3,90,311), धार (3,82,417), और जबलपुर (3,81,848) भी प्रमुख लाभार्थी जिलों में शामिल हैं। बालाघाट, उज्जैन, मुरैना, छतरपुर, खरगोन, भोपाल, और ग्वालियर जैसे जिलों में भी 3 लाख से अधिक लाड़ली बहनों को इस योजना का सीधा लाभ मिला है। इसी क्रम में राजगढ़, शिवपुरी, देवास, विदिशा, भिंड और बेतुल में भी 2 लाख 71 हजार से अधिक लाभार्थी पंजीकृत हुए हैं। सिवनी (2,68,187) और मंदसौर (2,62,827) सहित रतलाम, रायसेन, दमोह, सीहोर, कटनी, बड़वानी, गुना, खंडवा, नर्मदापुरम, सिद्धी, टीकमगढ़ और नरसिंहपुर जैसे जिलों में भी 2 लाख से अधिक महिलाओं को राशि का लाभ प्राप्त हुआ है। सिंगरौली, मंडला, झाबुआ, शहडोल, पन्ना, शाजापुर, नीमच, और अशोक नगर में 1.5 लाख से अधिक महिलाएँ लाभान्वित हुई हैं, जबकि दतिया, अनूपपुर, अलीराजपुर, आगर मालवा, उमरिया, श्योपुर और हरदा जिले में भी यह योजना लाखों महिलाओं तक पहुँची है।

​संक्षेप में कहें तो, मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना ने प्रदेश की महिलाओं के जीवन में आर्थिक आत्मनिर्भरता और सामाजिक सम्मान की भावना को सशक्त किया है। महिलाओं ने इस राशि का उपयोग अपनी दैनिक आवश्यकताओं, बच्चों की शिक्षा, और छोटे व्यापार के लिए पूंजी के रूप में किया है, जिससे परिवारिक निर्णयों में भी उनकी भूमिका सुदृढ़ हो रही है। गाँवों से लेकर शहरों तक, इस योजना से लाभान्वित महिलाएँ अब “आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश” के निर्माण में अपनी सशक्त भूमिका निभा रही हैं।

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