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पत्नी और प्रेमी को पटवारी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास

अवैध संबंधों के चलते पत्नी ने प्रेमी से करवाई थी हत्या

देवास। पटवारी नीरज परते की हत्या के मामले में उनकी पत्नी रचना धुर्वे और उसके प्रेमी अनिल सरयाम को प्रथम जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने आजीवन कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह मामला अवैध संबंधों से जुड़ा हुआ था, जिसमें पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या करवाई थी।

हत्या की साजिश और वारदात

प्रभारी उप संचालक अभियोजन राजेन्द्रसिंह भदौरिया ने बताया कि 10 दिसंबर 2021 की शाम करीब 6.30 बजे पटवारी नीरज परते अपने परिचित अनिल सरयाम के साथ भोपाल चौराहे से मनोरंजन ढाबा पर खाना खाने गए थे। इसके बाद वह घर नहीं लौटे। परिजनों ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना बीएनपी में दर्ज करवाई। दो दिन बाद ग्राम जेतपुरा स्थित नडियर कंपनी के पास एक अज्ञात शव मिलने की सूचना मिली। पुलिस ने जांच की तो शव की पहचान नीरज परते के रूप में हुई।

कैसे खुला हत्या का राज

पुलिस ने हत्या की जांच शुरू की और घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। फुटेज में नीरज परते अपने परिचित अनिल सरयाम के साथ जाते हुए दिखे। पुलिस को अनिल सरयाम पर शक हुआ और जब उससे कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने चौंकाने वाला खुलासा किया।

अनिल सरयाम ने बताया कि नीरज परते की पत्नी रचना धुर्वे उसकी मौसेरी बहन थी और दोनों पिछले 10 साल से प्रेम संबंध में थे। रचना ने नीरज परते को रास्ते से हटाने के लिए उसकी हत्या की साजिश रची।

घटना के दिन अनिल सरयाम ने सोनकच्छ में एक ठेले वाले से चाकू खरीदा था। इसके बाद उसने मनोरंजन ढाबा पर नीरज के साथ खाना खाया और भोपाल रोड की ओर जाने के दौरान पुलिया के पास चाकू से नीरज परते पर ताबड़तोड़ वार कर उनकी हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को पुलिया से नीचे फेंक दिया।

कोर्ट का फैसला

पुलिस ने इस मामले में गहन जांच के बाद आरोपियों अनिल सरयाम और रचना धुर्वे को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। मामले की सुनवाई के बाद तृतीय अतिरिक्त न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया और भादंवि की धारा 302 एवं 120-बी के तहत आजीवन कारावास और 2000-2000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। इसके अलावा, धारा 201/120-बी में 3-3 साल की सजा और 500-500 रुपये के अर्थदंड का भी प्रावधान किया गया।

यह मामला गंभीर, जघन्य और सनसनीखेज अपराध की श्रेणी में रखा गया था। इस केस में शासन की ओर से पैरवी प्रभारी उप संचालक अभियोजन राजेन्द्रसिंह भदौरिया ने की, जबकि विवेचना निरीक्षक मुकेश ईजारदार द्वारा की गई।

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