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सूरदास जयंती पर सक्षम द्वारा दृष्टिबाधितों का सम्मान समारोह

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देवास। महाकवि सूरदास जी की जयंती के अवसर पर दिव्यांगजन हितार्थी समर्पित राष्ट्रीय संगठन, समदृष्टि क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल “सक्षम” द्वारा देवास के होटल खेड़ापति इंटरनेशनल में दृष्टिबाधितों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता दृष्टि बाधित कन्या छात्रावास समिति के अध्यक्ष श्री राजेंद्र मूंदड़ा ने की, जबकि मालवा प्रांत के सह सचिव एवं युवा आयाम प्रमुख श्री हर्ष शर्मा मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे। मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघचालक श्री विमल अग्रवाल कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

समारोह का शुभारंभ भारत माता के चरणों में पुष्प अर्पित कर और दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर देवास के 11 ऐसे दृष्टिबाधित व्यक्तियों को सम्मानित किया गया जिन्होंने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर आत्मनिर्भरता का उदाहरण प्रस्तुत किया और देवास के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

मुख्य वक्ता श्री हर्ष शर्मा ने संत सूरदास जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जन्मांध होते हुए भी उन्होंने दोहावली जैसे काव्य ग्रंथों की रचना कर कृष्ण लीलाओं और गोपियों के विरह का अद्भुत वर्णन किया। श्री राजेंद्र मूंदड़ा ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में दिव्यांग क्षेत्र में अधिक कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया। श्री विमल अग्रवाल ने सक्षम के माध्यम से समय-समय पर दिव्यांगजन हेतु देवास में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने की प्रेरणा दी।

कार्यक्रम में देवास के प्रबुद्ध समाजजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। जिला अध्यक्ष श्री दारा सिंह वशिष्ठ ने सभा को संबोधित करते हुए “सक्षम” के उद्देश्य और कार्यों की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन रितु गुप्ता द्वारा किया गया।

इस अवसर पर सक्षम की नई जिला कार्यकारिणी की भी घोषणा की गई। दारा सिंह वशिष्ठ को जिला अध्यक्ष, दीपाली मिराचकर और लक्ष्मण जी को उपाध्यक्ष, अमित पीठवे को सचिव, रितु गुप्ता को सह सचिव, विजय गौतम को कोषाध्यक्ष, दर्पण सोलंकी को युवा आयाम प्रमुख, दीपक वशिष्ठ को युवा आयाम सह प्रमुख, दीपा केदार को महिला आयाम प्रमुख, और दिलीप जायसवाल को दृष्टि बाधित प्रकोष्ठ प्रमुख नियुक्त किया गया।

इस समारोह के सफल आयोजन ने देवास में दिव्यांगजनों के प्रति जागरूकता और सम्मान की भावना को और अधिक सुदृढ़ किया है।

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