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शहीद दिवस 2025: देवास में अमर जवानों को दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि

देवास में शहीद दिवस 2025 के अवसर पर पुलिस लाइन में आयोजित समारोह में अमर जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। जानें कार्यक्रम का विवरण और शहीद दिवस का महत्व।

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देवास, 21 अक्टूबर 2025: शहीद दिवस के अवसर पर आज पुलिस लाइन देवास स्थित शहीद स्मारक पर एक गरिमामय और भावनात्मक समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर देवास पुलिस ने उन वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने देश और समाज की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। समारोह में “भारत माता की जय” और “अमर रहे हमारे वीर” के नारे गूंजे, जिसने पूरे परिसर को देशभक्ति के रंग में रंग दिया।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधीश देवास श्री ऋतुराज सिंह थे। पुलिस अधीक्षक श्री पुनीत गेहलोद ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया और शहीद जवानों के नाम एक-एक कर पढ़कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) श्री जयवीर सिंह भदौरिया, पुलिस स्टाफ, SAF जवान, और शहीद जवानों के परिजन उपस्थित रहे। सभी ने शहीद स्मारक पर पुष्पमालाएं अर्पित कीं और दो मिनट का मौन रखकर शहीदों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।


शहीद दिवस का ऐतिहासिक महत्व
प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को भारत में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन 1959 में लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में चीनी सेना के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए भारतीय पुलिस के 10 वीर जवानों की स्मृति में समर्पित है। इन साहसी पुलिसकर्मियों ने मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणों का बलिदान देकर कर्तव्य, साहस और त्याग की अमर गाथा लिखी। यह दिवस पुलिस बल के लिए उनके बलिदान को याद करने और नई पीढ़ी को राष्ट्रसेवा की प्रेरणा देने का अवसर है।
पुलिस अधीक्षक का प्रेरक संदेश
पुलिस अधीक्षक श्री पुनीत गेहलोद ने अपने संबोधन में कहा, “शहीद दिवस केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह हमारे भीतर देशभक्ति की ज्योति प्रज्वलित करता है। यह हमें कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण की प्रेरणा देता है। देवास पुलिस शहीदों के आदर्शों को अपनाकर समाज की सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहेगी।”


देशभक्ति से भरा माहौल
कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने शहीदों के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की और उनके बलिदान को याद किया। शहीदों के परिजनों की उपस्थिति ने समारोह को और भी भावनात्मक बना दिया। यह आयोजन न केवल शहीदों के प्रति सम्मान का प्रतीक था, बल्कि यह भी संदेश देता है कि राष्ट्रसेवा सर्वोपरि है।

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