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देवास की बेटी सोनिया जाट दक्षिण अफ्रीका के सबसे ऊंचे पहाड़ को फतह करने निकली, खेतों में काम कर मजबूत बनी

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देवास लाइव के लिए आकाश शर्मा की रिपोर्ट

डबलचौकी के पास नावदाखेड़ी गाँव की बेटी सोनिका जाट 18 साल की उम्र में साउथ अफ्रीका की सबसे ऊँची चोटी किलिमंजारो को फतह करने के लिए निकली हैं। यह अफ्रीका महाद्वीप का सबसे ऊंचा पर्वत और विश्व का सबसे ऊंचा एकल पर्वत है।

खेतों में वजन उठाकर मजबूत बनी सोनिका

सोनिका के पिता श्याम जाट एक किसान हैं और वे देवास जिले के डबलचौकी के पास नावदा खेड़ी में रहते हैं। जब 15 साल की उम्र में सोनिका का चयन एनसीसी में पर्वतारोहण के लिए हुआ तो पिता ने उसे खेत में प्रैक्टिस करवाना शुरू कर दी। वे खेत में उसे भारी वजन के साथ चलाते और अन्य काम करवाते थे ताकि पहाड़ पर चढ़ने के लिए वह मजबूत बन सके। सोनिका 2021 में एनसीसी से जुड़ी और यहीं से उनका पर्वतारोहण का सफर शुरू हुआ।

कम उम्र में हासिल की बड़ी सफलताएं

  • उन्होंने बेसिक माउंटेनिंग कोर्स हिमालय पर्वतारोहण संस्थान दार्जिलिंग से ए ग्रेड के साथ उत्तीर्ण किया।
  • इस कोर्स में उन्होंने रेनोक पिक सबमिट किया जिसकी ऊंचाई 16500 फीट थी।
  • उन्होंने एडवांस माउंटेनिंग कोर्स नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से ए ग्रेड के साथ पूर्ण किया।
  • इस पिक में उन्होंने द्रौपदी का डंडा पिक सबमिट किया जिसकी ऊंचाई 19000 फीट थी।
  • उन्होंने डीजी एनसीसी के माध्यम से माउंट थेलु सबमिट किया और इस पिक को भी उन्होंने एक ग्रेड के साथ पूर्ण किया जिसकी ऊंचाई 26,000 फीट थी।

आर्थिक सहायता:

  • सोनिका के पिता किसान हैं और उनकी आय सीमित है।
  • उन्होंने रिश्तेदारों और अन्य लोगों से मदद लेकर बेटी को देश का नाम रोशन करने के लिए पहुंचाया है।
  • वे मप्र शासन से अपील करते हैं कि वे बेटी को आगे बढ़ने में मदद करें ताकि वह दुनिया में देश का नाम रोशन कर सके।
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