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स्वास्थ्य विभाग घोटाला: दो पूर्व सीएमएचओ एमपी शर्मा, विष्णुलता उइके सहित नौ लोगों पर एफआईआर दर्ज

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देवास। सीएमएचओ कार्यालय में करोड़ों रुपये की अनियमितताओं के मामले में, कलेक्टर ऋषव गुप्ता की रिपोर्ट के आधार पर मंगलवार रात को कोतवाली पुलिस ने नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। अनियमित भुगतान का मामला 4.26 करोड़ रुपये का है। स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी अभिषेक शर्मा की रिपोर्ट पर देर रात पुलिस ने यह कार्रवाई की। आरोपियों में दो पूर्व सीएमएचओ, एक टीकाकरण अधिकारी, तीन बाबू और तीन अस्पताल कर्मचारी शामिल हैं।मार्च में सामने आए इस मामले की जांच के दौरान, संयुक्त संचालक कोषालय उज्जैन ने सीएमएचओ कार्यालय को सील कर दिया था। करीब ढाई महीने की जांच के बाद, उन्होंने कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद कलेक्टर गुप्ता ने पिछले सप्ताह से रिपोर्ट का विस्तृत अध्ययन करवाया और जांच पूरी होने पर मंगलवार रात एफआईआर के लिए आवेदन दिया गया।

इन पर दर्ज हुई एफआईआर

प्रारंभिक जांच और पुलिस को दिए गए आवेदन के आधार पर, कोतवाली पुलिस ने पूर्व सीएमएचओ एमपी शर्मा, विष्णुलता उइके, टीकाकरण अधिकारी डॉ. कैलाश कल्याणे, ऑपरेटर प्रकाश साठे, रवि वर्मा, अश्विन सूर्यवंशी और जिनके खातों में पैसे जमा हुए उन कर्मचारियों अंकित घाडगे, योगेश कहार, पंकजसिंह गुर्जर के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

74 लेनदेन का मामला

मंगलवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता में, कलेक्टर गुप्ता ने इस मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जांच में 4.26 करोड़ रुपये का अनियमित भुगतान पाया गया है, जिसमें कुल 74 लेनदेन शामिल हैं। अभी तक 1.32 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है और वसूली की कार्रवाई जारी है। ये अनियमितताएं 2018-2019 से 2022-2023 के बीच की हैं।

आगे की कार्रवाई

जांच में कुल 74 लोग दोषी पाए गए हैं, जिनमें से 9 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। अब बाकी 65 लोगों की जांच की जाएगी और आवश्यकता होने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

सीएसपी का बयान

सीएसपी दीशेष अग्रवाल ने कहा, “मामले में 9 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर की गई है। बाकी खाताधारकों की जांच के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।”

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