समूह के लोगों को मिल रहा है रोजगार, मछली पालन आजीवीका का बना साधन
देवास प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना अंतर्गत जिले में मनरेगा अंतर्गत एक हैक्टेयर से तीन हैक्टेयर के 32 अमृत सरोवर एवं 37 पुष्कर सरोवर कुल 69 तालाबो में समूह के माध्यम से 05 लाख 91 हजार फिंगरलिंग मिश्रित बीज का संचयन किया गया। जिसमें 26-50 एमएम आकार की कतला, रोहू, नरेन और कामन कार्प प्रजाति के बीज है। इस वित्तीय वर्ष में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदों योजना अंतर्गत में मोटर सायकल विथ आइसबॉक्स 13 हितग्राहियों को दी गई। जिसकी कुल राशि 05 लाख 85 हजार रूपये है। हितग्राहियों को मोटर सायकल विथ आइसबॉक्स देने से सुगमता से विक्रय कर सकते है। आइसबॉक्स होने मछली भी खराब नहीं होगी।
जिले के 32 अमृत सरोवर एवं 37 पुष्कर सरोवर कुल में 69 तालाबो में सितम्बर माह में फिंगरलिंग मिश्रित बीज डाले गये थे जो दिसम्बर माह में उन्नत मछली के रूप में तैयार हो गये है और मछली का स्थानीय बाजार में अच्छे मूल्य पर विक्रय हो रहा है। जिससे समूह के लोगो को रोजगार मिल रहा है। मछली पालन आजीवीका का साधन भी बन गया है। हितग्राहियों द्वारा आसपास की बडी मण्डियों में आने वाले समय में मछलियों को विक्रय किया जायेगा, जिससे समूह से जुडे लोगो को और अधिक लाभ मिलेगा।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में जिले में विकासखण्ड बागली, देवास, सोनकच्छ, टोंकखुर्द, कन्नौद और खातेगांव में सौ नये अमृत सरोवर तालाब बनाये जा रहे है। जिसमें 44 अमृत सरोवरो का कार्य पूर्ण हो गया है। 56 अमृत सरोवरो का कार्य प्रगतिरत है। पुष्कर धरोहर समृद्धि अभियान के तहत पुराने तालाबों का जिर्णोधार कर 186 पुष्कर तालाब बनाये जा रहे है। जिसमें 65 पुष्कर तालाबों का कार्य पूर्ण हो गया है तथा 121 पुष्कर तालाबों का कार्य प्रगतिरत है। विभाग द्वारा हितग्राहियों को मछली पालन के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। किसान क्रडिट कार्ड की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।