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हमें झोलाछाप डॉक्टर मत बोलो, आयुष चिकित्सकों ने सरकार के आदेश के खिलाफ जताया विरोध

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देवास: आयुष चिकित्सक अब सरकार के एक आदेश के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। देवास में आयुष विंग के चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन विधायक गायत्री राजे पवार और कलेक्टर ऋषभ गुप्ता को सौंपा।

आयुष विंग के प्रतिनिधियों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग आयुष चिकित्सकों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रहा है। उनके क्लिनिकों पर छापेमारी की जा रही है, जो निंदनीय है। चिकित्सकों ने ‘झोलाछाप’ कहे जाने का भी विरोध दर्ज कराया। विधायक पवार ने उनकी बातों को गंभीरता से सुनते हुए मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।

कलेक्टर गुप्ता को चिकित्सकों ने बताया कि वे कठिन पढ़ाई और प्रशिक्षण के बाद चिकित्सा सेवा में आए हैं और कम संसाधनों में भी बेहतर सेवा देने का प्रयास करते हैं। उनकी मांग है कि आयुष चिकित्सकों को भी मॉडर्न पेथी का सर्टिफिकेट कोर्स या ट्रेनिंग देकर चिकित्सा व्यवसाय करने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी और एएनएम को दवाएं बांटने की अनुमति है, तो आयुष चिकित्सकों को यह अधिकार क्यों नहीं दिया जा सकता।

इस विरोध प्रदर्शन में जिले के आयुष चिकित्सक शामिल थे। इस दौरान कई आयुष चिकित्सकों ने अपनी योग्यता और अनुभव पर जोर देते हुए कहा कि वे कठिन प्रशिक्षण और पढ़ाई के बाद इस पेशे में आए हैं। हालांकि, कुछ चिकित्सक ऐसे भी हैं जिनकी योग्यता पर सवाल उठाए जा रहे हैं, जो केवल 12वीं पास होने के बावजूद वे 6 साल की पढ़ाई का दावा कर रहे हैं।

देखने में यह भी आया है कि कई आयुष चिकित्सक एलोपैथी में इलाज करते हैं और बीमारी समझ में ना आने पर मरीज को बड़े अस्पताल या डॉक्टर के पास भेजते हैं। इन अस्पतालों से इन्हें कमीशन के रूप में मोटी राशि भी मिलती। व्यवस्थाओं को अगर सुधारना है तो सरकार को इन सभी बिंदुओं पर ध्यान देना होगा।

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