देवास लाइव, Dewas Live News MadhyaPradesh

देवास में मेट्रो ट्रेन के लिए प्रयास न करने को लेकर सांसद विधायक पर कांग्रेस का निशाना

1

देवास। प्रदेश में मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए डॉ. मोहन यादव को लगभग नौ माह हो चुके हैं, और इस दौरान उन्होंने अपने गृह नगर उज्जैन के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। चाहे वह उद्योगों की स्थापना हो या अन्य विकास योजनाएं, मुख्यमंत्री ने उज्जैन के लिए प्राथमिकता के साथ सुविधाओं को स्वीकृति दिलवाई है। खासतौर से सिंहस्थ महाकुंभ के दृष्टिगत इंदौर से उज्जैन के बीच मेट्रो ट्रेन और वंदे भारत ट्रेन की स्वीकृति करवाई गई है। हैरानी की बात यह है कि ये ट्रेनें देवास से होकर नहीं जाएंगी, बल्कि इंदौर से नई ब्रॉड गेज लाइन फतेहाबाद होकर सीधे उज्जैन पहुंचेंगी। यह ट्रेन अगर देवास होकर गुजरती तो देवास के लोगों को भी इसका लाभ मिलता।

कांग्रेस का हमला:
इस मुद्दे पर शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी और कार्यकारी अध्यक्ष सुधीर शर्मा ने देवास के जनप्रतिनिधियों की कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री अपने गृह नगर उज्जैन के लिए तत्परता से विकास कार्य करवा रहे हैं, लेकिन देवास के सांसद और विधायक देवास को इस प्रकार की योजनाओं का लाभ दिलाने में असफल साबित हुए हैं। राजानी और शर्मा ने कहा कि उज्जैन को मिल रही मेट्रो और वंदे भारत ट्रेन जैसी सुविधाओं के लिए हमारे जनप्रतिनिधियों ने देवास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए।

कांग्रेस के नेताओं का आरोप है कि मेट्रो ट्रेन की मांग कांग्रेस ने कई बार की है, लेकिन वर्तमान सांसद इसे लेकर मात्र पत्र लिखने तक ही सीमित रहे हैं। राजानी ने कहा, “हमारे जनप्रतिनिधि मेट्रो ट्रेन की मांग पर गंभीर नहीं हैं। केवल पत्र लिखने से कुछ नहीं होगा, उन्हें मुख्यमंत्री का हाथ पकड़कर स्वीकृति दिलवानी होगी। केंद्र सरकार से भी विशेष प्रयास करने होंगे, तभी देवास को मेट्रो ट्रेन की सौगात मिल सकेगी।”

सांसद-विधायक की निष्क्रियता:
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इंदौर-उज्जैन की तरह देवास को भी विकास की योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। इसके लिए सांसद और विधायक को केंद्र और प्रदेश सरकारों के साथ समन्वय स्थापित कर ठोस प्रयास करने चाहिए। लेकिन ऐसा लगता है कि देवास के जनप्रतिनिधि केवल प्रतीकात्मक कार्यों तक सीमित हैं।

कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट किया कि यदि जनप्रतिनिधि देवास के हित में सक्रिय होते, तो देवास भी मेट्रो ट्रेन जैसी सुविधाओं से वंचित न होता।

You cannot print contents of this website.
Exit mobile version