देवास। जिले के कई शासकीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है, विशेष रूप से ग्राम राजोदा के हाई स्कूल में। कक्षा 10वीं के परिणाम अत्यंत निराशाजनक रहे, जहां 260 विद्यार्थियों में से मात्र 11 छात्र ही उत्तीर्ण हो पाए। स्कूल का कुल परिणाम 4.23 प्रतिशत रहा।
बुधवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित साधारण सभा में वार्ड क्रं 2 की सदस्य मोनू रविन्द्र चौधरी ने इस स्थिति पर कड़ा रुख अपनाते हुए शिक्षा की अव्यवस्थाओं पर अपनी बात रखी। श्री चौधरी ने जिला पंचायत सीईओ को एक पत्र सौंपते हुए कहा कि देवास जिले के राजोदा गांव के हाई स्कूल का परिणाम यह दर्शाता है कि शिक्षा के क्षेत्र में जिम्मेदार लोगों की लापरवाही और उदासीनता का नतीजा है।
श्री चौधरी ने कहा कि निजी स्कूलों की बढ़ती संख्या और सरकारी स्कूलों की गिरती हालत स्पष्ट संकेत है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देवास जिला शिक्षा के क्षेत्र में सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है और इसका स्तर दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है।
बैठक में श्रीमती चौधरी ने तीन मुख्य सवाल उठाए:
- इस निराशाजनक परिणाम के लिए कौन जिम्मेदार हैं?
- जिम्मेदार लोगों पर अब तक क्या कार्रवाई की गई है?
- भविष्य में ऐसे परिणामों से बचने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
उन्होंने मांग की कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से तय किया जाए। सभा में जिला पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सभी सदस्य और अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।