देवासन्यायालय

ऐतिहासिक फैसला: किसानों से धोखाधड़ी भारी पड़ी, वेयरहाउस संचालक को 4 वर्ष की सजा, 6 करोड़ से अधिक जुर्माना न भरने पर 48 साल तक जेल में रहना पड़ सकता है

देवास। न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश महोदय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए गोपी वेयरहाउस के संचालक महेंद्र चौधरी को 4 वर्ष के कारावास और 6 करोड़ 21 लाख 50 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है। जुर्माने की राशि न भरने की स्थिति में उन्हें 6 माह की अतिरिक्त सजा 80 बार भुगतनी होगी, जिससे कुल सजा 48 वर्ष तक हो सकती है। यह सजा जेल नियमावली के अनुसार दी जाएगी।

मामला क्या है?

अपर जिला लोक अभियोजक अधिकारी अशोक चावला ने बताया कि यह मामला 80 से अधिक किसानों से जुड़े बड़े धोखाधड़ी का है। आरोप है कि महेंद्र चौधरी ने ग्राम सदाशिवपुरा, थाना बरोठा में स्थित गोपी वेयरहाउस में किसानों से उनकी फसलें जमा करवाईं और उनके साथ धोखाधड़ी की। पीड़ितों में प्रमुख नाम अंतर सिंह दरबार का है, जिनके साथ कई अन्य किसानों ने भी महेंद्र चौधरी के वेयरहाउस में सोयाबीन और चना रखा था।

चौधरी ने किसानों को यह आश्वासन दिया था कि उनकी फसलें सुरक्षित रहेंगी और वेयरहाउस की रसीद पर उन्हें लोन मिलेगा, साथ ही फसल का बीमा भी हो जाएगा। इसी आश्वासन के आधार पर महेंद्र चौधरी ने किसानों से उनके भू अधिकार और ऋण पुस्तिकाएं लीं और उन्हें सिर्फ फोटोकॉपी दीं।

इसके बाद महेंद्र चौधरी ने किसानों को इलाहाबाद बैंक, देवास में खाते खुलवाने के लिए कहा, ताकि उन्हें लोन मिल सके। किसानों ने उनके निर्देशानुसार खाते खुलवाए, लेकिन चौधरी ने किसानों के नाम पर लोन स्वीकृत करवा कर सभी दस्तावेजों पर उनके हस्ताक्षर करवाए और फिर स्वीकृत लोन की राशि खुद निकाल ली।

फसलें गायब, पैसे नहीं मिले

जब किसानों को लोन वसूली के नोटिस मिलने लगे, तो उन्होंने वेयरहाउस जाकर देखा कि उनकी सारी फसलें गायब थीं। पूछताछ करने पर चौधरी ने बताया कि उसने फसलें बेच दी हैं और जल्द ही पैसे लौटा देगा। लेकिन न तो किसानों को उनके पैसे मिले और न ही फसलें वापस आईं।

अदालत का फैसला

बरोठा थाने में मामला दर्ज होने के बाद महेंद्र चौधरी के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू हुई। अभियोजन की ओर से अपर जिला लोक अभियोजक अधिकारी अशोक चावला ने न्यायालय से निवेदन किया कि महेंद्र चौधरी पर सभी 80 किसानों की ओर से आरोप तय किए जाएं, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।

अदालत ने अपने फैसले में महेंद्र चौधरी को 4 वर्ष की सजा सुनाई और 6 करोड़ 21 लाख 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। यदि यह राशि वह जमा नहीं करते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

मुकदमे में सहयोग

इस प्रकरण की पैरवी राज्य शासन की ओर से अपर जिला लोक अभियोजक अधिकारी अशोक चावला द्वारा की गई। इसके अलावा, न्यायालय मुंशी प्रधान आरक्षक श्याम आंजना का भी ट्रायल के दौरान महत्वपूर्ण सहयोग रहा।

(रिपोर्ट: 5 अक्टूबर 2024)

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