देवास लाइव। देवास जिले के खातेगांव के डाकबंगला मैदान पर आदिवासी संगठनों द्वारा आंदोलन किया गया। आंदोलन आदिवासी नेता रामदेव काकोडिया के खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई के विरोध स्वरूप किया गया।
आंदोलन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी शामिल हुए। प्रदर्शन में देवास जिले के साथ रतलाम, झाबुआ बड़वानी, कुक्षी, बैतूल और अन्य आदिवासी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आदिवासी शामिल हुए।
आंदोलन में जयस समेत कई आदिवासी संगठन शामिल हुए। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आदिवासी समाज के लोगों के साथ नीचे बैठकर भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार को जमकर कोसा और सरकार द्वारा की गई कार्रवाई का विरोध किया।
दिग्विजय सिंह ने थाने में आदिवासी युवक की कथित पिटाई करने पर टीआई को निलंबित करने और 18 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की। रामदेव काकोडिया पर जिला बदर की कार्रवाई निरस्त करने की भी मांग की।
क्या है पूरा मामला
खातेगांव तहसील के हरणगांव क्षेत्र में रहने वाले 22 वर्षीय रामदेव काकोडिया को देवास कलेक्टर ने जिला बदर किया है। रामदेव कई आदिवासी आंदोलन में शामिल रहे हैं और सोशल मीडिया पर भी उनकी सक्रियता है। पिछले दिनों खातेगांव क्षेत्र के एक युवक राहुल बारवाल द्वारा पंडित प्रदीप मिश्रा के संविधान बदलने वाले बयान के संदर्भ में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी के बाद हिंदूवादी संगठन के लोग थाने पहुंच गए और राहुल बारवाल के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाया। मामले में पुलिस द्वारा कार्यवाही की गई और राहुल को जेल भेजा गया। आरोप है कि इसके बाद राहुल बारवाल , रामदेव काकोडिया और रामविलास को थाने पर बुलाया गया और थाना प्रभारी के चेंबर में हिंदूवादी नेताओं के सामने पिटाई की गई। मामले में जयस और भीम आर्मी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था। इस प्रकरण के बाद रामदेव काकोडिया को जिला बदर कर दिया गया। आदिवासी संगठनों ने इसे सरकार द्वारा बदले की कार्रवाई माना है। इसी का विरोध प्रदर्शन करने के लिए खातेगांव में आंदोलन किया गया।
इस आंदोलन में कांतिलाल भूरिया, विक्रांत भूरिया समेत कई आदिवासी नेताओं ने लोगों को संबोधित किया।