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देवास खनिज अधिकारी रश्मि पांडे के विरुद्ध सीहोर, उज्जैन और इंदौर में लगे थे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, लोकायुक्त जांच भी हुई, देखिए पूरा कच्चा चिट्ठा

देवास लाइव खुलासा

देवास में पिछले दिनों भाजपा नेता वह पूर्व प्राधिकरण अध्यक्ष राजेश यादव ने आरोप लगाया था की खनिज अधिकारी बिना पैसे लिए काम नहीं करती। 6 महीने से एक खनन पट्टे को अटका कर रखा गया जिसके बाद राजेश यादव और खनिज अधिकारी के बीच कहासुनी भी हुई थी। देवास लाइव ने विभिन्न मीडिया स्रोतों के माध्यम से खनिज अधिकारी रश्मि पांडे का जब रिकॉर्ड निकला तो उनकी जबरदस्त शिकायत निकली और उन पर लोकायुक्त जैसी गंभीर जांच की बात सामने आई, प्राइवेट कर्मचारी रखकर वसूली और महंगी कारों में घूमना पाया गया। उज्जैन में करोड़ों की बेनामी संपत्ति का भी आरोप एक संगठन ने लगाया था।

विभिन्न क्षेत्रों में अवैध वसूली:
देवास जिले में रश्मि पांडे की गतिविधियां संदिग्ध पाई गई हैं। विभिन्न क्षेत्रों में कई नाके लगाकर प्राइवेट कर्मचारियों से अवैध वसूली करवाने की बात सामने आ रही है। इन नाकों पर तैनात कर्मचारी अवैध रूप से रेत के ट्रक और ट्रैक्टर चालकों से पैसे वसूलते हैं। यह वसूली खनिज विभाग की छत्रछाया में हो रही है और इससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हो रहा है।

खदानों के पट्टे देने में वसूली:
देवास जिले में रश्मि पांडे पर खदानों के पट्टे देने के बदले दलालों के माध्यम से वसूली का भी आरोप है। पट्टे पाने के इच्छुक खदान मालिकों से मोटी रकम वसूल की जाती है। यही नहीं कहीं अवैध उत्खनन पाया जाता है तो पहले दलाल जाकर वसूली करते हैं यदि वसूली न हुई तो अधिकारी को बुलाकर कार्रवाई करवाते हैं। इस प्रक्रिया में दलाल सक्रिय भूमिका निभाते हैं और यह सारा काम खनिज विभाग की निगरानी में होता है। इससे सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है और भ्रष्टाचार की जड़ें और भी गहरी हो रही हैं।

विभिन्न जिलों में पोस्टिंग के दौरान मीडिया रिपोर्ट्स पर नजर डालें

सीहोर जिला

फर्जी माइनिंग कर्मचारी द्वारा अवैध वसूली:
सीहोर जिले में नादान घाट पर रेत ट्रकों से अवैध वसूली की खबर सामने आई थी। नादान चेक पोस्ट पर एक दलाल, जो खुद को माइनिंग इंस्पेक्टर के रूप में पेश करता था, ने रेत डंपर चालकों से 200 से 1000 रुपए तक की अवैध वसूली की। खनिज विभाग के कर्मचारियों और रेत डंपर चालकों ने इस अवैध गतिविधि की पुष्टि की। आरोप है कि इस दलाल को माइनिंग इंस्पेक्टर रश्मि पांडे ने तैनात किया था, जो खुद अवैध वसूली करवाती थीं।

  • स्रोत: नईदुनिया (Publish Date: Tue, 24 Jan 2017)

इंदौर जिला

सुपर कॉरिडोर पर अवैध मुरम उत्खनन:
कलेक्टर मनीष सिंह ने खनिज निरीक्षक रश्मि पांडे को निर्वाचन कार्यालय में अटैच किया था। शिकायत के अनुसार, सुपर कॉरिडोर पर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए खुदाई में निकली मुरम को अवैध रूप से बेचा जा रहा था। रश्मि पांडे ने इस अवैध कार्य में सक्रिय भूमिका निभाई। इस गंभीर शिकायत पर कलेक्टर ने तत्काल कार्रवाई की और पांडे को निर्वाचन में अटैच कर दिया। पांडे के विरुद्ध एसडीएम अंशुल खरे को जांच सौंपी गई थी।

  • स्रोत: पत्रिका (Publish Date: 21 अक्टूबर 2022)

उज्जैन जिला

गंभीर नदी और क्षिप्रा नदी में अवैध खनन:
गंभीर नदी और क्षिप्रा नदी के विभिन्न स्थानों पर अवैध खनन और परिवहन जारी था। खनिज अधिकारी रश्मि पांडे पर बेनामी संपत्ति बनाने के गंभीर आरोप लगे हैं। अवैध खनन का काम रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक अंधेरे में होता था। अखिल भारत युवा हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष मनीष चौहान ने अवैध रेत और गिट्टी माफिया से खतरे की बात कही और इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी थी।

  • स्रोत: मालव क्रांति (Publish Date: December 16, 2019)

लोकायुक्त जांच का उल्लेख

रश्मि पांडे के खिलाफ कई जिलों में लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की गंभीरता को देखते हुए लोकायुक्त द्वारा जांच शुरू की गई है। तत्कालीन खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के प्रश्न के उत्तर में बताया कि रश्मि पांडे समेत अन्य आरोपित अधिकारियों के विरुद्ध लोकायुक्त में जांच चल रही है।

  • स्रोत: नई दुनिया (Publish Date: Thu, 16 Mar 2023)

महिला अधिकारी द्वारा बेलगाम भ्रष्टाचार

रश्मि पांडे के खिलाफ विभिन्न जिलों में भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के गंभीर आरोप लगे हैं। एक महिला अधिकारी होते हुए भी उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध खनन, मुरम बेचने, रेत डंपर चालकों से अवैध वसूली, और खदानों के पट्टे देने में रिश्वतखोरी जैसे कार्यों को अंजाम दिया। इस प्रकार के भ्रष्टाचार से न केवल सरकारी संसाधनों का नुकसान हो रहा है, बल्कि समाज में भी गलत संदेश जा रहा है कि अधिकारी अपने पद का गलत फायदा उठा सकते हैं।

सरकार को तत्काल और कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। खनिज अधिकारी रश्मि पांडे के खिलाफ जांच तेजी से पूरी की जानी चाहिए और उन्हें उनके पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए। अवैध खनन और वसूली के मामलों में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में इस तरह के भ्रष्टाचार को रोका जा सके और संबंधित विभागों में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित किया जा सके।

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