लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पूर्व, सांसद महेन्द्रसिंह सोलंकी ने शहर में भ्रमण किया और वोकल फॉर लोकल का संदेश दिया। उन्होंने इस अभियान के महत्व को बताया और देश को स्वदेशी उत्पादों की ओर प्रेरित किया।
वैश्विक महामारी कोरोना के संकट में, जब लॉकडाउन लगना पड़ा, तो भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा। इसके परिणामस्वरूप, उद्योग, व्यापार, और रोजगार पर संकट आया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने का अभियान शुरू किया। इसका उद्देश्य देश में घरेलू उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करना था।
वोकल फॉर लोकल के तहत, घरेलू उत्पादों की खरीदारी, प्रचार-प्रसार, और रोजगार को बढ़ावा दिया जाता है। इस अभियान के परिणामस्वरूप, देश में स्वदेशी उत्पादों की बिक्री बढ़ी है। स्वदेशी खिलौने, अगरबत्ती, दिया, कपड़ा, पर्स, हस्तशिल्प, और इलेक्ट्रॉनिक सामग्री जैसे उत्पादों को यहाँ तक कि लोकल ब्यूटीशियन तक व्यापारिक दृष्टिकोण से प्रोत्साहित किया गया है।
इस अभियान से जुड़ी महिलाओं की आय बढ़ी है और उनका जीवन स्तर उठा है। छोटे कुटीर और घरेलू उद्योगों को भी यहाँ तक कि लोगों का रूझान बढ़ रहा है।
सांसद श्री सोलंकी ने इस अभियान का संदेश देने के लिए रेलवे स्टेशन और अन्य स्थानों पर जाकर स्थानीय पर्स, गमले, और सजावट की सामग्री की खरीदारी की। उन्होंने ऑनलाइन भी सामग्री की कीमत अदा की। इस अवसर पर कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।
यह अभियान न केवल घरेलू उत्पादों को प्रोत्साहित कर रहा है, बल्कि स्वदेशी उत्पादों के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इससे न केवल आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा है, बल्कि नौकरीयों की नई सृजनात्मकता भी देखी जा रही है।
इस अभियान ने देशवासियों में स्वदेशी उत्पादों के प्रति जागरूकता बढ़ाई है और उन्हें स्वावलंबी बनाने की दिशा में प्रेरित किया है। वोकल फॉर लोकल अभियान के माध्यम से, भारत नए उत्पादों की दिशा में आगे बढ़ रहा है और एक स्वदेशी और सकारात्मक अर्थव्यवस्था की दिशा में अग्रसर हो रहा है।