देवास

इंदौर बनेगा महानगर, लेकिन देवास उज्जैन नहीं होंगे शामिल, प्रोजेक्ट 2000 किमी था अब 1200 वर्ग किमी में होगा

देवास लाइव। पिछली सरकार में प्रस्तावित इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया में सरकार ने बदलाव कर नया प्रस्ताव पेश कर दिया है। पहले प्रस्ताव में इंदौर का क्षेत्रफल 2000 वर्ग किमी मान कर इसमें देवास, महू, पीथमपुर, उज्जैन शामिल किये गए थे लेकिन अब इसे मात्र 1200 वर्ग किलोमीटर में सीमित कर महू और पीथमपुर को ही शामिल किया गया है। उज्जैन और देवास को गायब कर दिया गया है। बताया जा रहा है मेट्रो ट्रेन की योजना के कारण यह बदलाव किया गया है।

इंदौर, भोपाल में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार दोनों शहरों को महानगर क्षेत्र (मेट्रोपॉलिटन एरिया) में बदलने जा रही है। इससे इंदौर शहर महू-पीथमपुर तक बढ़ जाएगा। मंगलवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
शिवराज सिंह चौहान की पिछली सरकार की मई 2018 की कैबिनेट में भी यह प्रस्ताव आया था, तब इसे विधानसभा चुनाव को देखते हुए लौटा दिया गया था। इसके बाद कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने भी इसे कैबिनेट में लाने की तैयारी की थी, लेकिन सरकार तख्तापलट का शिकार हो गई। अब केंद्र का मेट्रो एक्ट भी यहां लागू हो जाएगा।

यह था प्रस्तावित एरिया जिसे कम किया गया

यह था पिछली सरकार का प्रस्ताव
इंदौर का क्षेत्रफल 2000 वर्ग किमी होगा। इसमें देवास, महू, पीथमपुर, उज्जैन शामिल होंगे। इसे मिलाकर मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी बनेगी, जो पूरे प्लानिंग एरिया के लिए 2050 तक की विकास योजना बनाएगी। आईडीए का नगर निगम में विलय होगा। महापौर, पार्षदों के अधिकार पूर्ववत रहेंगे, पर सभी इस अथॉरिटी में शामिल होंगे। मेट्रोपॉलिटन का प्रस्ताव टीएंडसीपी ने बनाया था।

सरकार की मंशा पर सवाल, उज्जैन देवास से सौतेला व्यवहार

सरकार ने इंदौर मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी (महानगर) के लिए जिस प्रस्ताव को मंजूरी दी है, उसे लेकर विशेषज्ञों का मत है कि इसमें पूर्व में बने प्रस्ताव के हिसाब से ही प्लानिंग एरिया शामिल करना था। अब एक दिक्कत ये आएगी कि महू-पीथमपुर वाला जोन तो बेहतर तरीके से विकसित होगा, पर उज्जैन रोड और धार रोड के क्षेत्र में उस तरह योजना नहीं बन सकेगी। पहले तैयार प्रस्ताव में उज्जैन रोड पर सांवेर तक, धार रोड पर घाटा बिल्लौद, देवास रोड पर शिप्रा और महू-पीथमपुर को मेट्रोपॉलिटन में शामिल कर शहर का प्लानिंग एरिया 1600 वर्गकिमी करने की योजना थी। इसे बाद में तत्कालीन सरकार ने संशोधित किया और पूरे उज्जैन शहर को प्लानिंग एरिया में जोड़ दिया। इससे क्षेत्रफल 1600 से बढ़कर 2000 वर्ग किमी हो गया। अब सरकार ने सिर्फ महू-पीथमपुर के नगरीय निकाय व पंचायतों को जोड़ा है।

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