कृषि विज्ञान केंद्र में राष्ट्रीय पोषण माह 2020 के तहत आंगनबाड़ी में महिला प्रशिक्षण का आयोजन

देवास। डाॅ. ए.के. दीक्षित, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख के मार्गदर्षन में राष्ट्रीय पोषण माह 2020 सह महिला जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत आज दिनांक 18.09.2020 को जयप्रकाष नगर स्थित आंगनबाड़ी में महिला प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
श्रीमती अंकिता पाण्डेय ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि असंतुलित पोषण कुपोषण का एक प्रमुख कारक है। पौष्टिक पदार्थ असंतुलित रूप में लेने के कारण शरीर को पूरा पोषण नहीं मिल पाता है और यह एक गंभीर स्थिति को जन्म देता है। अतः भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन एवं खनिज लवण से पर्याप्त पोषक तत्व शामिल करना अतिआवष्यक है जिससे हम कुपोषण के षिकार होने से बचाव कर सकते हैं। इसके साथ ही फाॅर्टीफाइड प्रजातियों जैसे-गेहूं का एचआई-8777, सोयाबीन का एनआरसी-127 एवं मोटे अनाज को भोजन में शामिल करना नितांत जरूरी है। ऐसी प्रजातियां विकसित की गई हैं जिसमें लोहा, जस्ता एवं प्रोटीन की मात्रा भरपूर विद्यमान है, जो उचित पोषण दे सकता है। तदोपरांत डाॅ. सविता कुमारी द्वारा बच्चों के जन्म से 1000 दिवस तक उनके समुचित वृद्धि एवं मस्तिष्क विकास हेतु गर्भावस्था से जन्म पष्चात् तीन वर्ष तक समन्वित पोषण प्रबंधन के संबंध में महिलाआंे को अच्छे ढंग से समझाकर अपने आगामी जीवन में शामिल करने की बात कही। जिससे स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सके एवं बच्चे आगे जाकर भविष्य के कर्णधार के रूप में देष को सहयोग प्रदान कर सके। केन्द्र की वैज्ञानिक डाॅ. लक्ष्मी द्वारा सुरजना के फली एवं पत्तियों का उपयोग कर आवष्यक पोषक तत्व कैसे प्राप्त करें, इस संबंध में प्रस्तुतीकरण द्वारा अवगत कराया गया। सुरजना की पत्ती में फली के अपेक्षाकृत प्रोटीन 27 प्रतिषत, लोहा 30 प्रतिषत, कैल्षियम फाॅस्फोरस आदि तत्व प्रचुर मात्रा में विद्यमान होते हैं। जो शरीर को उपयुक्त पोषण देने में सक्षम हैं। सुरजना में एंटीबैक्टीरियल गुण पाये जाने के कारण कई तरह के संक्रमण से सुरक्षित रखने में मददगार है। साथ ही विभिन्न सब्जियों को दैनिक नित्य आहार में शामिल करने की बात कही जिससे एनीमिया से बचाव हो सके। साथ ही रंगोली के माध्यम से विभिन्न पोषक तत्वों को कैसे संतुलित बनाये इस संबंध में जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किया गया । कार्यक्रम का संचालन एवं आभार श्रीमती अंकिता पाण्डेय द्वारा किया गया। कार्यक्रम में 25 महिलाओं ने अपनी भागीदारी की।


