देवास लाइव। मध्यप्रदेश के जल संसाधन विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर 40 से अधिक युवाओं को ठगने वाला रोहित बैरागी नाम का आरोपी पिछले दिनों इंदौर पुलिस द्वारा पकड़ा गया था। मामले में अब देवास से हर्षद भटनागर नाम के युवक को पकड़ा गया है जो पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।
क्या है पूरी कहानी
इंदौर के भंवरकुआं थाना पुलिस ने पिछले दिनों शिकायत मिलने पर एक आरोपी रोहित बैरागी को पकड़ा जो कि इंदौर जिले के राजोदा गांव का रहने वाला है। रोहित खुद को मंत्री तुलसी सिलावट का प्रतिनिधि बताकर युवाओं को ठगने का काम करने लगा था। लाख पचास हजार ले कर नौकरी दिलाने का झांसा देता था। कई युवा उसके झांसे में भी आ गए और अब तक वह 18 लाख से अधिक की राशि ठग चुका है। उसने देवास और धार में भी अपना जाल फैला लिया। आरोपी धार में जाता तो खुद को देवास का अफसर बताता और देवास जाता तो धार का अफसर बताता था। वह खुद को कई पदों पर आसीन बताकर लोगों को झांसे में लेता था।
अब देवास से पकड़ा गया मास्टरमाइंड, देता था फर्जी नियुक्ति पत्र
इंदौर पुलिस ने खुलासा किया है कि देवास निवासी हर्षल भटनागर सरकारी नियुक्ति पत्र की नकल करके फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार करता था। पूछताछ में हर्षल भटनागर ने पुलिस को बताया कि वह पूरा काम भोपाल के एक होटल से करता था। असली आदेशों की हूबहू नकल कर वह नियुक्ति पत्र छापते थे। इस होटल में तमाम तामझाम कर एक ऑफिस बना लिया गया था।
हर्षल ने पुलिस को बताया कि रोहित बैरागी के साथ मिलकर उसने कई लोगों को ठगा है। हर्षल ही राेहित के लिए ग्राहक खोजकर लाता था। तीन दिन पहले ही पुलिस ने रोहित को भी पकड़ा था।
पुलिस के अनुसार देवास में रोहित का साथी हर्षल भटनागर (40) एक कंसल्टेंसी एजेंसी एवं सामाजिक कल्याण सेवा संस्था चलाता था। इसके माध्यम से बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए आकर्षित करता था। हर्षल भटनागर बीकॉम स्नातक है। वह इससे पहले सेंचुरियन बैंक में मैनेजर और बिरला इंश्योरेंस में सेल्स मैनेजर रहा है। हर्षल तकनीकी रूप से काफी दक्ष है। देवास स्थित अपने कार्यालय में फर्जी आदेश स्वयं टाइप करता था। वह शासकीय आदेशों के पैटर्न की नकल करके ठीक वैसे ही फर्जी आदेश बनाता था। इसके बाद भोपाल के एमपी नगर के होटल से आदेश को आगे बढ़ाया जाता था। आरोपी हर्षल भटनागर के कार्यालय से लैपटॉप तथा प्रिंटर भी जब्त किया गया है।