देवास। जिले के शासकीय महाविद्यालय उदयनगर के आदिवासी छात्र-छात्राओं की शिक्षा पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। छात्र-छात्राओं का कहना है कि विगत तीन वर्षों से उन्हें छात्रवृत्ति और आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। बार-बार आवेदन और अनुरोध करने के बावजूद उनकी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
छात्रों ने बताया कि तृतीय वर्ष (2023-24) में भी छात्रवृत्ति और आवास योजना का लाभ नहीं मिलने के कारण उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है। आर्थिक रूप से कमजोर माता-पिता के पास बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए पर्याप्त साधन नहीं हैं।
छात्र-छात्राओं का कहना है कि उन्होंने समस्या को लेकर कृष्णजीराव पवार अग्रणी महाविद्यालय देवास और जिला कलेक्टर कार्यालय का भी रुख किया, लेकिन हर बार उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर दिया गया। विधायक कार्यालय जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
शासन और प्रशासन की उदासीनता
इस मामले में छात्रों ने प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर उदासीनता का आरोप लगाया है। छात्रों का कहना है कि कलेक्टर कार्यालय में आवेदन जमा करने के बावजूद आज तक किसी भी प्रकार का जवाब नहीं मिला। वहीं, योजनाओं का लाभ न मिलने से उनकी शिक्षा खतरे में पड़ गई है।
सरकार की योजनाओं पर सवाल
आदिवासी छात्रों की समस्याओं ने सरकार की योजनाओं की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शिक्षा के अधिकार को लेकर सरकार जहां वादे करती है, वहीं योजनाओं का लाभ समय पर नहीं मिलने से गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है।