देवासराजनीति

कौन बनेगा संगठन प्रमुख, देवास में भाजपा जिलाध्यक्ष चयन प्रक्रिया तेज

देवास। भाजपा के संगठन पर्व के तहत बूथ अध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष के निर्वाचन के बाद अब जिलाध्यक्ष के चुनाव पर सभी की नजरें टिक गई हैं। 30 दिसंबर तक जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा की जानी है। इसके लिए भाजपा आलाकमान ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। नई गाइडलाइन के बाद जिले में राजनीतिक समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं।

जिलाध्यक्ष के चुनाव हेतु 27 दिसंबर को दोपहर 12 बजे भाजपा जिला कार्यालय पर रायशुमारी होगी। इसमें प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती, सागर सांसद और पर्यवेक्षक लता वानखेड़े, और जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष अग्रवाल विशेष रूप से मौजूद रहेंगे। रायशुमारी में नवनिर्वाचित मंडल अध्यक्ष, जिला प्रतिनिधि, विधायक, सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद, महापौर, सभापति, और अन्य पदाधिकारी समेत 66 व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया है।

रायशुमारी की प्रक्रिया और भोपाल की भूमिका

रायशुमारी के दौरान सभी अपेक्षित प्रतिनिधियों से अलग-अलग चर्चा की जाएगी और तीन-तीन नाम लिखित रूप में लिए जाएंगे। इसके बाद विस्तृत रिपोर्ट भोपाल भेजी जाएगी, जहां से अंतिम निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, कई लोगों का मानना है कि जिलाध्यक्ष के नाम की पटकथा पहले ही भोपाल में लिखी जा चुकी है और रायशुमारी मात्र औपचारिकता है।

18 मंडल अध्यक्षों की राय होगी महत्वपूर्ण

देवास जिले में 25 में से 18 मंडल अध्यक्षों की घोषणा हो चुकी है, जबकि शेष 7 मंडल अध्यक्षों के नाम जिलाध्यक्ष के चुनाव के बाद घोषित किए जाएंगे। ऐसे में रायशुमारी में सिर्फ 18 मंडल अध्यक्षों की ही राय ली जाएगी। यह भी स्पष्ट हो चुका है कि सभी मंडल अध्यक्ष और जिला प्रतिनिधि अपने-अपने विधायकों के प्रभाव में हैं। ऐसे में जिलाध्यक्ष के लिए प्रबल दावेदार वही होगा, जिसे कम से कम तीन विधायकों का समर्थन मिलेगा।

जिलाध्यक्ष पद के दावेदार सक्रिय

जिलाध्यक्ष पद के लिए आधा दर्जन से अधिक दावेदार सक्रिय हो गए हैं और अपेक्षित कार्यकर्ताओं से मेल-जोल बढ़ा रहे हैं। प्रमुख दावेदारों में पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष रायसिंह सेंधव, पूर्व महापौर सुभाष शर्मा, पूर्व जिला महामंत्री फूलसिंह चावड़ा, पूर्व देविप्रा अध्यक्ष राजेश यादव, और सुमेरसिंह दरबार के नाम शामिल हैं। हालांकि पार्टी अगर अलग लाइन से जाती है तो वर्तमान जिला अध्यक्ष राजीव खंडेलवाल को भी रिपीट किया जा सकता है।

रायसिंह सेंधव और राजेश यादव को वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का करीबी माना जाता है, जबकि फूलसिंह चावड़ा और सुभाष शर्मा को देवास विधायक गायत्रीराजे पवार का समर्थन प्राप्त है। वहीं, सुमेरसिंह दरबार अपने राजनीतिक आका कैलाश विजयवर्गीय के प्रभाव के कारण दौड़ में मजबूत माने जा रहे हैं।

राजनीतिक भविष्य पर टिकी नजरें

जिलाध्यक्ष के चुनाव में किस दावेदार का नाम सबसे ऊपर आता है और भोपाल से किसके नाम पर अंतिम मुहर लगती है, यह देखना दिलचस्प होगा। चुनाव प्रक्रिया के साथ-साथ दावेदारों के समर्थकों के बीच कूटनीतिक गतिविधियां तेज हो चुकी हैं। अब 27 दिसंबर की रायशुमारी और उसके बाद भोपाल के निर्णय पर सबकी निगाहें टिकी हैं।

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