मध्यप्रदेश में फिलहाल नगरीय निकाय चुनाव टलते हुए नजर आ रहे हैं क्योंकि नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से दायर याचिका के जवाब में हाईकोर्ट में निर्वाचन आयोग ने का है कि विशेषज्ञों से परामर्श करके ही फैसला होगा।
निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय को बताया कि कोरोना महामारी पर विशेषज्ञों से परामर्श कर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव कराने पर निर्णय लिया जाएगा। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की तरफ से दायर याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव तथा न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की युगलपीठ को निर्वाचन आयोग की तरफ से यह बताया गया है। निर्वाचन आयोग के वकील सिद्धार्थ सेठ ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, निर्वाचन आयोग ने अदालत से कहा कि नगरीय निकायों के चुनाव कराने का कोई भी निर्णय उचित एहतियाती उपाय सुनिश्चित करने और मतदाताओं को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के बाद ही लिया जाएगा। निर्वाचन आयोग के जवाब के बाद युगलपीठ ने याचिका का निस्तारण कर दिया।
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की तरफ से दायर की गई याचिका में दावा किया गया था कि मध्य प्रदेश के 27 जिलों में कोरोना का डेल्टा स्वरूप फैल चुका है। भारतीय चिकित्सक संघ तथा विश्व स्वास्थ संगठन ने स्पस्ष्ट रूप से कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी है। तीसरी लहर अधिक खतरनाक रहने की आशंका है। इसके बावजूद निर्वाचन आयोग प्रदेश में नगरीय निकाय के चुनाव करवाने की तैयारी कर रहा है।