इलाज में गंभीर लापरवाही पर पत्रकार के पिता की मौत, ब्लैक फंगस को कैंसर बताकर इंदौर रेफर किया
तीन दिन तक डॉक्टर पिता को देखने नहीं आए तो पत्रकार को धरने पर बैठना पड़ा था |
देवास लाइव। देवास में एक पत्रकार को अपने पिता के इलाज के लिए धरने तक पर बैठना पड़ा फिर भी उसके पिता को बचाया नहीं जा सका।
भारत सागर न्यूज़ के संपादक राहुल परमार के पिता कमल परमार का इंदौर के एमवाय अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया।
कोरोना के लक्षणों को देखते हुए राहुल परमार ने कुछ दिन पहले अपने पिता को देवास के जिला अस्पताल में भर्ती करवाया था। भर्ती की प्रक्रिया में भी गंभीर लापरवाही की गई और मरीज को बमुश्किल ऑक्सीजन वाला बेड मिल पाया।
धीरे धीरे स्थिति ठीक होने लगी लेकिन डॉक्टर छुट्टी की पर्ची बनाने के लिए 3 दिन तक मरीज को देखने तक नहीं आए। इसी दौरान राहुल परमार को जिला अस्पताल परिसर में धरने पर बैठना पड़ा, जिसके बाद कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला ने मामले का संज्ञान लिया और डॉक्टर को इलाज के लिए भिजवाया।
जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने यहां पर भी गंभीर लापरवाही की और मरीज को कैंसर बताकर इंदौर कैंसर हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया। इंदौर में जब प्राइवेट डॉक्टर से कंसल्ट किया गया तो पता चला कि राहुल परमार के पिता कमल परमार को ब्लैक फंगस का संक्रमण हो गया है। इसके बाद आज सुबह उनका निधन हो गया।
इस घटना के बाद देवास के पत्रकार जगत में शोक की लहर छा गई। जिला अस्पताल के डॉक्टरों और प्रशासन द्वारा की गई गंभीर लापरवाही के प्रति पत्रकारों में जबरदस्त नाराजगी है। लोगों का भी कहना है कि जब एक पत्रकार को इतना संघर्ष करना पड़ा तो यह समझा जा सकता है कि आम आदमी कैसे अपना इलाज करवा पाएगा। इधर अफसरशाही इस महामारी के दौरान भी असंवेदनशील रवैया अपना रही है।