देवास में प्राइवेट स्कूल कर रहे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना, बच्चे मानसिक अवसाद में
देवास लाइव। शहर के कई प्राइवेट स्कूलों ने अपनी ऑनलाइन पढाई से सैकड़ों बच्चों को बाहर निकाल किया है। बच्चे स्कूलों की इस कार्यवाही से अवसाद ग्रस्त हो रहे हैं। स्कूलों ने फीस जमा न करवा पाने की वजह से पिछले सत्र का रिजल्ट भी रोक दिया है और नए सत्र में बच्चों को निकाल दिया है। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार फीस न दे पाने पर स्कूल बच्चों को सजा नहीं दे सकता।
देवास में कई स्कूल अब फीस लेने की जिद पर उतर आए हैं। सुप्रीम कोर्ट के किसी फैसले के नाम पर अभिभावकों को धमकाया जा रहा है जबकि खुद कोर्ट की अवमानना जैसा काम कर रहे है। बच्चे ऑनलाइन पढाई न कर पाने पर माता पिता से सवाल कर रहे हैं जो महंगी फीस नहीं दे पा रहे हैं। माता पिता भी अचंभित हैं की जिन स्कूल को वे शिक्षा का मंदिर समझ कर अब तक लाखों रूपये फीस के रूप में दे चुके हैं वे अब अपना असली रंग दिखा रहे हैं।
संकट में भी सरकार और उनके अधिकारी अब तक सोए हैं। स्कूलों के सिंडिकेट के दबाव में सरकार जनहित पर फैसले तक नहीं ले पा रही है। देखना होगा की इस माहामारी के दौर में जनता की सरकार उसे राहत देगी या खुद को स्कूल सिंडिकेट का खिलौना साबित करेगी। फ़िलहाल अधिकतर अभिभावक भी अब आर पार की लड़ाई के मूड में हैं और राष्ट्रिय बाल आयोग में भी शिकायतें भेजी जा रही हैं।