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धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेशों में किया गया संशोधन, सामाजिक संगठनों के विरोध के बाद संशोधन

  •  कलेक्टर श्री शुक्ला ने आगामी त्यौहारों एवं धार्मिक कार्यक्रमों को दृष्टिगत रखते हुए संशोधित प्रतिबंधात्मक आदेश किये
  • प्रतिमा/ताजिये(चेहल्लुम) के लिए पण्डाल का आकार अधिकतम 30×45 फीटस
  • विसर्जन स्थल पर जाने के लिए अधिकतम 10 व्यक्तियों के समूह की अनुमति
  • जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित निर्धारित विसर्जन स्थलों पर ही सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए प्रतिमाएं/ताजियों का होगा विसर्जन
  • कोविड संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए धार्मिक/सामाजिक आयोजन के लिए चल समारोह निकालने की अनुमति नहीं होगी

     देवास, 03 सितम्‍बर 2021/ कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री चन्द्रमौली शुक्ला ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144, The Epidemic Disease Act, 1897 एवं National Disaster Management Act-2005 के अंतर्गत प्रदत्त

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शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए सम्पूर्ण जिले में आगामी त्यौहारों एवं धार्मिक कार्यक्रमों को दृष्टिगत रखते हुए संशोधित प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये है।

     जारी आदेशानुसार प्रतिमा/ताजिये(चेहल्लुम) के लिए पण्डाल का आकार अधिकतम 30×45 फीट नियत किया है। झाकी निर्माताओं को निर्देशित किया जाता है कि वे ऐसी झांकियों की स्थापना एवं प्रदर्शन नहीं करे जिनमें संकुचित जंगह (Constricted Space) के कारण श्रद्धालुओं/दर्शकों की भीड़ की स्थिति बने तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना हो सके। झांकी स्थल पर श्रद्धालुओं/दर्शकों की भीड़ एकत्र नहीं हो तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो इसकी व्यवस्था आयोजकों को सुनिश्चित करना होगी। मूर्ति ताजिये (चेहल्लुम) का विसर्जन संबंधित आयोजन समिति द्वारा किया जाएगा। विसर्जन स्थल पर ले जाने के लिए अधिकतम 10 व्यक्तियों के समूह की अनुमति होगी। इसके लिए आयोजकों को संबंधित एसडीएम से लिखित अनुमति प्राप्त किया जाना आवश्यक होगा। जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित निर्धारित विसर्जन स्थलों पर ही सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए प्रतिमाएं/ताजियों का विसर्जन किया जाएगा। कोविड संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए धार्मिक/सामाजिक आयोजन के लिए चल समारोह निकालने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिए सामूहिक चल समारोह की अनुमति नहीं होगी। लाउड स्पीकर बजाने के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी की गई गाईड लाईन का पालन किया जाना अनिवार्य होगा। सार्वजनिक स्थानों पर कोविड संक्रमण से बचाव के तारतम्य में झांकियों/पाण्डालों/ विसर्जन के आयोजनों में श्रद्धालु/दर्शक फेस कवर सोशल डिस्टेंसिंग एवं सेनेटाईजर का प्रयोग के साथ ही राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी किये गये निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जावे। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा एवं पूर्व में जारी कोरोना संबंधित आदेश यथावत रहेंगे।

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Sneha

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