देवास

सीआईएसएफ की पहल: आत्महत्या दर में 40% की गिरावट, राष्ट्रीय औसत से नीचे पहुंची

देवास। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने मानसिक स्वास्थ्य और जवानों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए किए गए अभिनव प्रयासों से आत्महत्या के मामलों में 40% की कमी दर्ज की है। वर्ष 2024 में सीआईएसएफ में आत्महत्या दर घटकर 9.87 प्रति लाख हो गई, जो पहली बार राष्ट्रीय औसत 12.4 प्रति लाख से कम है। यह उपलब्धि सीआईएसएफ द्वारा तनाव प्रबंधन, व्यक्तिगत जुड़ाव, और नई पोस्टिंग नीति जैसी पहलों के चलते संभव हुई है।

मानसिक स्वास्थ्य पर जोर
सीआईएसएफ ने अपने जवानों और अधिकारियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए कई कदम उठाए हैं। “प्रोजेक्ट मन” के तहत टेली-परामर्श और व्यक्तिगत परामर्श सेवाएं शुरू की गईं, जिससे सितंबर 2024 तक 4,200 से अधिक बल सदस्यों को मदद मिली। एम्स, नई दिल्ली के सहयोग से किए गए मानसिक स्वास्थ्य अध्ययन से प्राप्त सुझावों को भी लागू किया गया।

तनाव प्रबंधन के लिए योग और खेलकूद
सीआईएसएफ की सभी यूनिट्स में नियमित योग कक्षाएं और एक घंटे का खेल सत्र आयोजित किया जाता है। योग में प्रशिक्षित 650 कर्मियों ने तनाव प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई है।

शिकायत निवारण और नई पोस्टिंग नीति
ऑनलाइन शिकायत निवारण पोर्टल ने जवानों की समस्याओं के त्वरित समाधान में मदद की है। साथ ही, नई पोस्टिंग नीति के जरिए बल सदस्यों के व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन के बीच संतुलन बनाने का प्रयास किया गया है। यह नीति महिला कर्मियों, विवाहित दंपत्तियों और सेवानिवृत्ति के निकट कर्मियों की विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है।

कमांडिंग अधिकारियों का सक्रिय जुड़ाव
“अपने जवानों को जानें और उनकी सुनें” के आदर्श वाक्य के तहत कमांडिंग अधिकारी ड्यूटी पोस्ट पर जाकर जवानों से सीधे संवाद करते हैं। यह व्यक्तिगत जुड़ाव जवानों को मानसिक और भावनात्मक समर्थन प्रदान करता है।

समर्पित प्रयास का परिणाम
सीआईएसएफ की यह पहल न केवल आत्महत्या की घटनाओं में कमी लाने में सफल रही है, बल्कि यह बल के जवानों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण है। सीआईएसएफ ने अपने बल सदस्यों के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है, जिससे एक स्वस्थ और सकारात्मक कार्य संस्कृति का निर्माण हो रहा है।

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