देवास, 05 जनवरी 2025। शिक्षा के क्षेत्र में विशेष नवाचार और उत्कृष्ट कार्य के लिए देवास जिले को ‘नेक्सस ऑफ गुड’ (Nexus of Good) अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह अवार्ड जिले में शासकीय विद्यालयों में संचालित “कोडिंग फॉर एवरीवन” अभियान के लिए दिया गया। इस अभियान की परिकल्पना और क्रियान्वयन में जिला कलेक्टर ऋषव गुप्ता का अहम योगदान रहा। यह सम्मान नई दिल्ली स्थित पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज में आयोजित एक समारोह में कलेक्टर के प्रतिनिधि के रूप में डाइट प्राचार्य डॉ. राजेंद्र सक्सेना ने प्राप्त किया।
15 अगस्त 2023 को हुई थी शुरुआत
“कोडिंग फॉर एवरीवन” अभियान की शुरुआत 15 अगस्त 2023 को की गई थी। इस अभियान का उद्देश्य सरकारी स्कूलों के छात्रों को कोडिंग की शिक्षा देकर उन्हें भविष्य के लिए तकनीकी रूप से सशक्त बनाना था। अभियान के तहत जिले के 186 स्कूलों के लगभग 16,000 छात्रों ने कोडिंग के विभिन्न स्तरों में हिस्सा लिया। हर स्कूल में एक प्रशिक्षित शिक्षक को मेंटर के रूप में नियुक्त किया गया, जो बच्चों को तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करते रहे।
कलेक्टर श्री गुप्ता ने अभियान की नियमित मॉनिटरिंग के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन बैठकें आयोजित कीं। इन बैठकों में छात्रों और शिक्षकों को प्रोत्साहन देने के साथ ही आवश्यक संसाधन और मार्गदर्शन प्रदान किया गया।
कैसे सिखाई जाती है कोडिंग?
इस अभियान के तहत देहरादून की प्रतिष्ठित आईटी कंपनी ‘कोडयोगी’ ने निशुल्क कोडिंग कोर्स डिजाइन किया। यह कोर्स टेलीग्राम एप के माध्यम से संचालित किया गया, जहां एआई बॉट की मदद से छात्रों को वीडियो, क्विज और असाइनमेंट उपलब्ध कराए गए। छात्र स्कूल के बाद अपने घर से मोबाइल पर यह कोर्स कर सकते थे। कोडिंग में HTML, CSS, जावा स्क्रिप्ट, नोड जेएस और रिएक्ट जैसी तकनीकों की शिक्षा दी गई।
विशेष बात यह रही कि यह कोर्स पूरी तरह से हिंदी भाषा में तैयार किया गया था। इसके अलावा, महंगे कंप्यूटर की आवश्यकता को खत्म कर मोबाइल आधारित प्लेटफॉर्म का उपयोग किया गया, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के छात्र भी कोडिंग सीख पाए।
ग्रामीण छात्र ने पाया 8 लाख का पैकेज
हाटपिपल्या के शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्र अंकित सेंधव ने कोडिंग असाइनमेंट में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देहरादून की एक आईटी कंपनी से 8 लाख रुपये के वार्षिक पैकेज पर नौकरी प्राप्त की। अंकित अब नौकरी के साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रखेगा।
प्रतिस्पर्धा और प्रोत्साहन का माहौल
अभियान के तहत बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सीएसआर फंड के तहत मोबाइल स्टैंड, की-बोर्ड, माउस और मोबाइल कनेक्टर जैसे उपकरण प्रदान किए गए। इससे उनकी कोडिंग प्रक्रिया में तेजी आई और उच्च स्तर तक पहुंचने में सहायता मिली। उल्लेखनीय है कि कोडयोगी की टीम ने दिल्ली और देहरादून से आकर छात्रों को प्रोत्साहित किया और उनकी समस्याओं का समाधान किया।
अन्य जिलों में भी अपनाया जा रहा मॉडल
“कोडिंग फॉर एवरीवन” अभियान की सफलता को देखते हुए मध्यप्रदेश के अन्य जिलों में भी इस मॉडल को अपनाया जा रहा है। कलेक्टर श्री गुप्ता ने अवार्ड का श्रेय छात्रों और मेंटर शिक्षकों को देते हुए उनकी सफलता की सराहना की।
सम्मान समारोह में शामिल हुए गणमान्य
सम्मान समारोह के दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हिमांशु प्रजापति, डाइट प्राचार्य डॉ. राजेंद्र सक्सेना, मेंटर शिक्षक संजय जोशी, यास्मीन शेख, श्रमिता नामदेव सहित महारानी चिमनाबाई और राधाबाई स्कूल की छात्राएं मौजूद रहीं, जिन्होंने कोडिंग के उच्च स्तर पर सफलता हासिल की।
देवास जिले की इस उपलब्धि ने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और समर्पण का एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया है।