धूमधाम से मना अनुयोगाचार्य वीररत्न विजयजी का जन्मदिवस
देवास। अनुयोगाचार्य वीररत्न विजयजी म.सा. का 69 वां जन्मोत्सव धूमधाम से उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर गुरूदेव को केशर, चंदन, अक्षत से अभिषेक करके बधाया गया। यह अद्भुत क्षण सभी भक्तों के मन में जीवन भर के लिए पावन स्मृति के रूप में अंकित हो गया। संपूर्ण कार्यक्रम को आयोजित करने का लाभ अजय कुमार धर्मेन्द्र कुमार मूणत परिवार ने प्राप्त किया। मूणत परिवार ने संपूर्ण आयोजन अपनी बहन अनिता मूणत की स्मृति में आयोजित किया। इस अवसर पर देशभर के गुरूभक्त शामिल हुए। प्रवक्ता विजय जैन ने बताया कि गुरूदेव के जन्म दिवस पर प्रात: 8 बजे श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ मंदिर तुकोगंज रोड प्रांगण में नवकारशी के बाद विशाल गुरूभक्ति शोभा यात्रा निकाली गई। विशेष आकर्षणों से सुसज्जित इस यात्रा में सबसे आगे अश्वारोही दल ध्वज थामे चल रहा था, उसके पीछे सुसज्जित बग्गियाँ शामिल थी। बडऩगर के बैंड की धुन पर गुरू भक्त झूमते, नाचते, गाते हुए चल रहे थे। गुरूदेेव सुसज्जित पालकी में विराजमान थे। सुलसा बहु मंडल एवं पाश्र्वनाथ महिला मंडल की महिलाएं कतारबद्ध होकर गुरूगीत गाते हुए चल रही थी। जिनेश्वर भगवान चांदी के रथ में विराजमान होकर नगर भ्रमण कर रहे थे। इसके बाद सुसज्जित झांकी पर श्री नाकोड़ा भैरवजी एवं गुरूदेव भुुवनभानु सुरीश्वरजी नगर वासियों को दर्शन देते हुए चल रहे थे। शोभा यात्रा मंडी धर्मशाला पर विशाल धर्मसभा के रूप में परिवर्तित हुई। यहां पर गुरूवंदना, मंगलाचरण, गीत संगीत, कामली अर्पण, केशर चंदन अक्षत से वधामणा, गुरूपूूजन, मूणत परिवार का अभिनंदन, आगामी चातुर्मास की घोषणा, श्री नाकोड़ा भैरवनाथ की प्रतिमा भराना तथा प्रतिष्ठा की बोलियां बोली गई। स्वागत गीत एश्वर्या एवं अदिति मूणत ने प्रस्तुत किया। भक्ति गीतों की प्रस्तुति विजय जैन, गौरव जैन भोमिया जी, मनीष जैन, अनीश राठौर मुम्बई एवं आदित्य कोचर ने दी। अतिथियों का सम्मान अध्यक्ष विलास चौधरी एवं पूर्व अध्यक्ष नरेन्द्र जैन, अशोक जैन मामा, शैलेन्द्र चौधरी ने किया। गुना, राऊ, उज्जैन, खरगोन, चौमहला, देवास, उज्जैन, आदि संघ ने गुरूदेव से चातुर्मास की विनंती की। गुरूदेव का आगामी चातुर्मास इंदौर नगर ओएसिस कालोनी चंदाप्रभु मंदिर में घोषित हुआ। नाकोड़ा भैरवजी प्रतिमा भराने का लाभ हेमंत कुमार आशीष कुमार जैन इंदौर ने लिया। प्रतिमा प्रतिष्ठा का लाभ गौरव कैलाश कुमार इंदरमल जैन भोमियाजी परिवार ने प्राप्त किया। कामली अर्पण कल्पेश भाई गांधी इंदौर द्वारा की गई। साथ ही केशर अक्षत बधामणा अनिल कुमार जैन अनामिका इंदौर द्वारा किया गया। अंत में स्वामी वात्सल्य का आयोजन हुआ। इस अवसर पर पूर्व मंत्री पारस जैन , भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल, दीपक जोशी, सुभाष शर्मा, दुर्गेश अग्रवाल, नरेश भंडारी, कल्पक भाई गांधी, जयसिंह ठाकुर, मनोज राजानी, शरद पाचुनकर, आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर आशीर्वचन देते हुए पूज्यश्री ने कहा कि जीवन को उपवन बनाने हेतुु दो चीजे चाहिये एक परमात्मा, दूसरा महात्मा । परमात्मा दुनिया की सर्वोच्च शक्ति है लेकिन इसके निकट पहुंचाने वाला तत्व गुरू तत्व ही है। परमात्मा सद् मागदर्शन करता है, जबकि गुरू उस मार्ग पर चलाने का प्रयास करता है। इसीलिये कहा गया है कि जिसके जीवन में गुरू नहीं उसका जीवन शुरू नहीं। हमें भी किसी ऐसे सद्गुुरू का हाथ पकड़कर भव सागर से पार पाना ही होगा। आभार अशोक जैन मामा ने माना।