देवास
पश्चिम बंगाल में हिन्दूओं पर हो रही हिंसा के विरोध में जनजाति विकास मंच ने दिया राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन
देवास। पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणामों के बाद भड़की हिंसा के कारण तीस से अधिक लोगों की हत्या की गयी। जिनमें 15 दलित भी शामिल है। तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और असामाजिक लोगों ने भाजपा कार्यकर्ताओं और हिन्दूओं के घरों और दुकानों में तोडफोड और आगजनी की। कई गाँवों को खाली करा दिया गया। लगभग चालीस माता-बहिनों के साथ दुष्कर्म किया गया। इस स्थिति में हजारों हिन्दू परिवारों को अपना घर छोड़ कर अन्य गाँवों और असम सीमा में शरण लेना पड़ रही है। इस हिंसा में 70,000 से अधिक हिन्दू प्रभावित हुए है।
पश्चिम बंगाल में चुनाव पश्चात् पूर्व नियोजित हिंसा और अराजकता से चिंतित जनजाति विकास मंच, देवास ने गुरूवार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा। ज्ञापन में राष्ट्रपति को पश्चिम बंगाल में जनसंख्या असंतुलन, रोहिंग्याओं और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी के कारण स्थानीय हिन्दुओं विशेषकर ग्रामीण दलितों की दयनीय एवं भयाक्रांत स्थिति से अवगत कराया गया है। ज्ञापन में राज्य सरकार की निष्क्रियता और हिंसक तत्वों के प्रश्रय का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति से माँग की गई कि वे अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्यपाल के माध्यम से राज्य सरकार को हिंसा पर लगाम लगाने, दोषियों पर कठोर कार्यवाही करने और पीड़ितों के पुनर्वास और मुआवजे के लिये निर्देशित करें। ज्ञापन में राष्ट्रपति से पश्चिम बंगाल की घटनाओं की केन्द्रीय एजेन्सियों से या न्यायिक जाँच की माँग की गयी है। इस अवसर पर सभी समाजो के प्रमुख उपस्थित थे। ज्ञापन का वाचन जनजाति विकास मंच के जिला संयोजक व एडवोकेट मुकेश वास्केल जनजाति (आदिवासी) समाज की ओर से किया। इस दौरान विशेष रुप से अशोक जाधव, भेरूसिंह जी भोसले, कोरकु समाज यससवंत आवासीया, उदयनगर पाल सिंह पानीगांव तथा सेंधव समाज अध्यक्ष अजब सिंह, क्षत्रिय समाज अध्यक्ष जुझार सिंह राठौड़, प्रदेश मंत्री वैश्य समाज अशोक जी सोमानी, ब्राह्मण समाज अध्यक्ष संजय शुक्ला, दर्जी समाज अध्यक्ष सत्यनारायण सोलंकी, राष्ट्रीय सेविका समिति विभाग पदाधिकारी चेतना राठौड़, राष्ट्रीय सेविका समिति नगर कार्यवाह श्रीमती मिथिलेश सोनी सहित सभी समाजो के पदाधिकारी उपस्थित थे।