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वीडियो: आर्मी में सेवा दे रहे सैनिक की पत्नी और बच्चे की इलाज के अभाव में मौत, गायनिक आईसीयू ना होने से देवास में नहीं हो पाता ठीक से इलाज

 

पति आर्मी में देश की सेवा कर रहे लेकिन उसकी गर्भवती पत्नी और बच्चे को नहीं बचा सका प्रशासन, सुविधाओं की कमी से मौत, पोस्टमार्टम के लिए भी घंटों इंतजार

गायनिक आईसीयू ना होने से देवास में प्रसूताओं की हो रही है मौत, ग्राम देवली की प्रसूता की इलाज के अभाव में मौत

देवास लाइव। 19 लाख से ज्यादा जनसंख्या वाला देवास जिला स्वास्थ्य सेवाओं में बेहद पिछड़ा हुआ है। जिले में प्रसूताओं के लिए एक अदद गायनिक आईसीयू तक नहीं है। निजी अस्पतालों में भी इलाज की सुविधा आधुनिक नहीं है जिसके कारण जैसे ही कोई केस सीरियस होता है तो निजी अस्पताल उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर देते हैं। 

जिला अस्पताल में भी गायनिक आईसीयू ना होने की वजह से प्रसूताओं को गंभीर स्थिति में इंदौर रेफर कर दिया जाता है। देवास के महात्मा गांधी जिला चिकित्सालय का कायाकल्प किया जा रहा है लेकिन जब तक गायनिक आईसीयू की व्यवस्था नहीं होगी इसी प्रकार से प्रसूता ओं की मौत होती रहेगी।

जिले के देवली गांव की रहने वाली प्रसूता काे परिजन एक दिन पहले देवास के निजी अस्पताल में प्रसव के लिए लाए थे, रात में तबीयत खराब हाेने पर महिला काे जिला अस्पताल भेज दिया। रात में डाॅक्टराें द्वारा प्रसूता वंदना (24) पति अरविंद अभय का चेकअप साेनाेग्राफी करवाने पर पता चला कि बच्चे की पेट में ही माैत हाे गई है। मंगलवार काे सुबह ड्यूटी पर तैनात डाॅ. साधना वर्मा ने दिन में बजे प्रसव करवा दिया। मृत बच्चे काे परिजनाें काे साैंप दिया और महिला काे वार्ड में भर्ती करने के लिए भेज दिया। गायनिक आईसीयू ना होने से महिला की हालत खराब हो गई और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई।

महिला की मौत के बाद 3 घंटे तक परिजन पोस्टमार्टम का इंतजार करते रहे। सरकारी लेटलतीफी के चलते हैं परिजनों और पुलिस प्रशासन में जमकर नोकझोंक भी हुई। बड़ा सवाल यह है कि इतने बड़े जिले में अब तक गायनिक आईसीयू की व्यवस्था करने की किसी ने नहीं सोची। जिला अस्पताल का बाहरी आवरण खूबसूरत बनाया जा रहा है लेकिन अंदर की व्यवस्था है आज भी खराब है। ऐसे में जिम्मेदारों को पहले अस्पताल में सुविधाओं को बढ़ाना चाहिए। 

Sneha
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