देवास लाइव। न्यायालय ने शासकीय बीएड कॉलेज में पदस्त एक क्लर्क को रिश्वत लेने के मामले में 4 साल की कैद और दस हज़ार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
करीब 6 साल पहले उज्जैन लोकायुक्त ने शासकीय शिक्षा महाविद्यालय, देवास के क्लर्क को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथो पकड़ा था। लेखापाल वेतनमान फाइल पूरी कराने के लिए 1 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था।
दरअसल, शासकीय शिक्षा महाविद्यालय, देवास के व्यायाम निदेशक अभिमन्यु और मुकेश अध्यापक ने लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन शिकायत की थी कि महाविद्यालय के अकाउन्टेंट प्रहलाद क्षत्रिय ने अपने कार्यालय में बुलाकर बताया कि “तुम्हारे 4 वेतनमान पारित कराने के लिए मैं संयुक्त संचालक शिक्षा कार्यालय उज्जैन में जाकर तुम्हारा वेतनमान पारित करवाकर, चार सील लगवाकर फाइले कम्पलीट करवाकर आया हूं। इन सब का खर्च 15 हजार रुपए मैंने अपनी जेब से भरा है। अब आपको 4 सील ठप्पों के 1 हजार रुपए 250 प्रति सील ठप्पा एवं प्यून को 500 रुपए देना होगा।” इस प्रकार प्रहलाद सिंह क्षत्रिय आवेदक एवं बाकी कॉलेज स्टॉफ से वेतनमान फाइल कम्पलीट करवाने के एवज में 1 हजार रुपए की रिश्वत की मांग करता था। मुकेश से भी 500 रुपए की रिश्वत की मांग की जा रही थी।
30 जुलाई 2015 को लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज होने के बाद लोकायुक्त टीम ने आरोपी प्रहलाद को रंगेहाथो 1 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। इस मामले में लेखपाल को न्यायालय ने दो धाराओं के तहत सजा सुनाई। धारा 7 में 4 वर्ष का सश्रम कारावास और धारा 13 (2) के तहत 10 हजार रुपए का अर्थदण्ड सुनाया।