देवास। नगर निगम को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि पिछले 2 वर्षों से शहर के लोग किस आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं।उन्हें तो बस पैसा चाहिए वर्तमान में फिर से देवास नगर निगम ने जलकर एवं कचरा शुल्क फिर बढ़ा दिया है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि नगर निगम के द्वारा लोगों पर आर्थिक भर डाला जा रहा है और क्षेत्र के सांसद विधायक पूरी तरह मौन है।
शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी व प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने बताया कि 2021 में जो जलकर की राशि 150 रुपये ली जाती थी उसे बढ़ाकर 170 रुपये कर दिया गया है वहीं गैर आवासीय इकाइयों का शुल्क 300 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये कर दिया गया है। वही शासकीय 150 से बढ़ाकर 280 कर दिया गया है। वहीं नवीन दरो को 27 जनवरी 2022 से लागू भी कर दिया गया है । इसी के साथ अलग-अलग क्षेत्र में लगने वाला कचरा शुल्क ( मल जल तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सेवाओं ) को भी बढ़ाया गया है। इसके अंतर्गत शहर के भवन स्वामी से 30 रुपये प्रति माह की बजाय अब 40 रुपये प्रति माह लिए जाएंगे, होटल लॉजिंग जिनके यहां 10 कमरे से अतिरिक्त है उन्हें 280 रुपये की बजाय अब 500 रुपये देना होंगे, प्राइवेट शॉपिंग मॉल के 200 रुपये की जगह 570 रुपये ,छोटी दुकान जिसके अंतर्गत किराना पान की दुकान सांची पॉइंट टेलर कपड़े की दुकान मोबाइल शॉप सहित अनेक ऐसी छोटी दुकानें हैं जिनका शुल्क 100 रुपये से बढ़ाकर 110 रुपये किया गया है। मधुशाला 110 से 200 रुपये, मधुशाला अगर बड़ी है तो उसे 230 रुपये चुकाना होगे , प्राथमिक विद्यालय 200 से रुपये 230 रुपये माध्यमिक विद्यालय 200 रुपये से 340 रुपये उच्चतर माध्यमिक विद्यालय 570 रुपये ,शराब दुकान के 500 रुपये से 570 रुपये औद्योगिक इकाइयों के जहां 570 रुपये से लेकर 1000 रुपये थे वहां 2300 रुपये किए गए हैं।
कुल मिलाकर देखा जाए तो करो में एकदम से बढ़ोतरी की गई है । इन करो को बढ़ाए जाने के पूर्व नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों ने इतना भी नहीं सोचा कि कोरोना महामारी के चलते पिछले 2 सालों में सारे व्यापार व्यवसाय को भारी आर्थिक हानि उठाना पड़ी है ।लोग आज पूरी तरह से संभल भी नहीं पाए हैं कि नगर निगम ने लगातार शहर के लोगों पर करों को बढ़ाये जाने के साथ करो की वसूली में सख्ती करना शुरू कर दी है। जिस के कारण पहले ही शहर के लोगों में नगर निगम के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है ।
कांग्रेस ने मांग की है कि नगर निगम कमिश्नर तत्काल प्रभाव से इन बढ़ी हुई दरों को वर्तमान में नहीं बढ़ाएं। कोरोना महामारी के पीछले दो सालों को देखते हुए लोगों को राहत प्रदान करें । समय रहते नगर निगम के अधिकारियों ने लोगों के हक में कोई निर्णय नहीं लिया तो कांग्रेस को सड़कों पर आकर आंदोलन करना पड़ेगा जिसकी संपूर्ण जवाबदारी नगर निगम और जिला प्रशासन की रहेगी ।