देवासराजनीतिविडियो

वीडियो: शहर में नजूल की एनओसी की वर्षों पुरानी समस्या को लेकर कांग्रेस आगे आई, क्या निकलेगा इसका हल?

 

नजूल की एनओसी समय सीमा में मिले- पं. त्रिपाठी

निम्न वर्ग एवं मध्यम वर्ग को मिले सस्ते भवन एवं भूखण्ड

देवास। पत्रकारवार्ता में पं. रितेश त्रिपाठी ने आमजन से जुड़े हुए विभिन्न मुद्दों को प्रमुखता से उठाते हुए बताया कि देवास में नजुल विभाग के समस्त कार्य के आवेदन लोक सेवागारंटी के अंतर्गत अनिवार्य किया जाए। जिससे पुराने दस्तावेजों से संबंधित कार्य समय सीमा में पूर्ण हो सके जिससे आम आदमी को लाभ मिल सके। रियासत कालीन बस्तियों में रह रहे नागरिकों को अपना मकान बनाने के लिए नजुल विभाग से निर्माण एनओसी लेना नगर निगम द्वारा अनिवार्य की गई है जिससे लोगों का कार्य समय पर नहीं हो पाता और लोगों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। साथ ही मांग करते हैं कि रजिस्ट्रार की गाइड लाईन के हिसाब से नजुल शाखा द्वारा देवास शहर में भू भाटक की दर तय की जाए।

देवास विकास प्राधिकरण, हाऊसिंग बोर्ड एवं नगर निगम द्वारा विकसित की गई कालोनियों के भवन-दुकान एवं भूखण्ड को फ्री होल्ड किया जाए। जिससे कि वर्तमान में रह रहे हितग्राही लाभांवित हो सके। फ्री होल्ड किया जाना इसलिए भी आवश्यक है कि पारिवारिक संपत्ति में होने वाले बटवारे एवं संपत्ति में से कुुछ भाग बेचने में होने वाली असुविधा से बचा जा सके। देवास विकास प्राधिकरण द्वारा पूर्व में भी कुछ जगहों को फ्री होल्ड कर विक्रय किया गया है उसी तर्ज पर इन सब निवासियों को भी लाभ दिया जाए।

शहर के मध्य कृषि विज्ञान केन्द्र बालगढ रोड स्थित भूमि पर नवीन कालोनी एवं व्यवसायिक परिसर का निर्माण कर देवास को आधुनिक स्वरूप प्रदान किया जाए। एवं कृषि विज्ञान केन्द्र को अन्य स्थान पर भूमि आवंटित की जाए। विगत 25 वर्षो से अधिक समय से देवास शहर में देवास विकास प्राधिकरण एवं हाऊसिंग बोर्ड द्वारा कोई नवीन कालोनियों का निर्माण नहीं किया गया है जबकि सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना जब लागू की गई जिसके कई हितग्राही आज भी अपने मकान का सपना संजोये बैठे है ऐसे निम्न आय एवं मध्यम वर्ग के लोगों को शासन द्वारा निर्मित कालोनियों में भूखंड मिल सके।

देवास नगर निगम द्वारा कई मकानो को नक्शे के विपरीत बताकर तोड़ा जा रहा है। जबकि भवन निर्माण के दौरान निगम अधिकारियों को जानकारी रहती है लेकिन जब भवन पूर्ण हो जाता है तब निगम अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की जाने की बात की जाती है जबकि होना यह चाहिये कि निर्माण के समय ही उसका निरीक्षण होकर आगे निर्माण की परमिशन दी जाना चाहिये। अब जो निगम द्वारा अतिक्रमण मुहिम चलाकर उन्हें गैर कानूनी बताया जा रहा है। हम अनुरोध करते हैं कि नियमानुसार कम्पाउंडिग शुल्क लेकर उन्हें वैध किया जाए। इन जनहित से जुडेे मुद्दों के तत्काल निराकरण के लिए जिला प्रशासन से मांग की है। पत्रकार वार्ता में रमेशचंद्र सांवलिया, शिवनारायण हाड़ा, प्रदीप चौधरी, चंद्र्रपालसिंह सोलंकी, रोशन रायकवार, हिम्मतसिंह चावड़ा, दीपेश कानूनगो, दिग्विजयसिंह झाला, नईम एहमद, जितेन्द्र पंवार उपस्थित थे।

Sneha
san thome school
Show More

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button