देवास। जिला न्यायालय ने दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी आनंद पिता अंतरसिंह को 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्री उमाशंकर अग्रवाल ने दोषी पाए जाने पर विभिन्न धाराओं के तहत सजा और अर्थदंड का निर्णय सुनाया।
घटना का विवरण देते हुए प्रभारी लोक अभियोजक श्रीमती जयंती पौराणिक ने बताया कि घटना 30 जून 2020 की रात की है। फरियादी महिला अपने घर में खाना खाकर सो रही थी, जब रात करीब 12:30 बजे उसके घर के पीछे के दरवाजे पर खटकने की आवाज से उसकी नींद खुली। उसने देखा कि आगे का दरवाजा बंद था, लेकिन जब वह पीछे के दरवाजे की ओर गई, तो दरवाजा खुला था और कोई नजर नहीं आया। तभी अचानक आनंद, जो उसी के घर के पास रहता है, घर में घुस आया और महिला को पकड़ लिया।
फरियादी ने जब इसका विरोध किया तो आनंद ने उसे थप्पड़ मारे और जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद, उसने महिला की इच्छा के विरुद्ध उसके साथ दुष्कर्म किया। इस घटना के दौरान महिला के शरीर पर चोटें भी आईं और वह बेहोश हो गई। होश में आने पर उसने देखा कि आरोपी वहां से फरार हो चुका था और उसके कान की बालियां और गले की माला भी गायब थीं।
इस घटना के बाद फरियादी ने अपनी बहू और बेटे को सारी घटना बताई और थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। थाना बरोठा पुलिस ने अपराध क्रमांक 163/2020 के तहत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया और जांच शुरू की।
साक्ष्य और गवाहों के बयानों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को धारा 376(1) के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास और 20,000 रुपये का अर्थदंड, धारा 450 के तहत 5 वर्ष का सश्रम कारावास और 1000 रुपये का अर्थदंड, धारा 323 के तहत एक वर्ष का कारावास और 1000 रुपये का अर्थदंड, तथा धारा 506 भाग 2 के तहत 3 वर्ष का कारावास और 1000 रुपये का अर्थदंड सुनाया।
इस मामले में शासन की ओर से पैरवी प्रभारी लोक अभियोजक श्रीमती जयंती पौराणिक ने की, जिसमें कोर्ट मोहर्रिर आरक्षक 270 रमेश बर्डे का विशेष सहयोग रहा।