देवास

वेतन बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर सातवें दिन भी हड़ताल पर बैठी आशा कार्यकर्ताएं


देवास।
 आशा/आशा सहयोगिनी श्रमिक संघ के बैनर तले पिछले सात दिनों से जिलेभर की आशा व पर्यवेक्षक हड़ताल पर है। अपनी जायज मांगों को लेकर जिला अस्पताल परिसर में आंदोलन कर रही है।

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जिलाध्यक्ष सुनीता चौहान एवं महामंत्री अनुराधा लोधी ने बताया कि अभी तक हुई हड़ताल के दौरान जिले की आशाओं/पर्यवेक्षकों ने धरना देते हुए प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, मांगे पूरी नही होने तक धरना पर बैठने की शपथ, काला दिवस मनाकर विरोध दर्ज कराना, सुंदरकांड पाठ, सद्बुद्धि यज्ञ, कहानी, कविता और नुक्कड़ नाटक व थाली एवं चम्मच बजाकर रैली निकाल आदि माध्यम से से मांगे प्रदेश सरकार तक पहुंचाई। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मी कौरव भी आशाओं के बीच पहुंची और जिलेभर की आशाओं का इस संघर्ष के लिए हौंसला बढ़ाया।

इस प्रदर्शन में जिले की सभी छह ब्लॉकों से आशा, आशा सहयोगिनी, पर्यवेक्षक आदि शामिल रहीं। संघ के पदाधिकारियों का कहना रहा कि प्रदेश में आशा कार्यकर्ताओं को सिर्फ 2000 रुपए मासिक दिए जा रहे हैं। वह भी केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे। अन्य राज्य सरकारें आशा एवं पर्यवेक्षकों को अपनी ओर से अतिरिक्त राशि देकर राहत पहुंचा रही, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार पिछले 16 वर्ष से अपनी ओर से आशा, ऊषा एवं पर्यवेक्षकों को कुछ नहीं दे पाई। प्रदेश सरकार एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का रवैय्या बेहद संवेदनहीन रहा है। आशा को 10 हजार रुपए पर्यवेक्षकों को 15000 रुपए वेतन दिए जाने एवं आशा ऊषा आशा पर्यवेक्षकों को नियमित किए जाने, हर माह की 5 तारीख को वेतन भुगतान सुनिश्चित किए जाने, निर्धारित कार्य के अलावा अन्य कार्य न कराने सहित 13 मांगें शामिल रही। प्रदर्शन में जिले की समस्त ब्लाकों की आशा, आशा सहयोगिनी, पर्यवेक्षक में शामिल रही।

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