देवास

Video: दिल्ली में निर्मित नए संसद भवन का नाम डॉ.अंबेडकर संसद भवन रखा जाए, भोपाल में होगा विशाल धरना

विशाल धरना-भीम गर्जना 30 अप्रेल को भोपाल में

देवास। डॉ.अम्बेडकर परिनिर्वाण भूमि सम्मान कार्यक्रम समिति के प्रदेश सचिव कैलाश प्रिय कलेशरिया, अजा/जजा संयुक्त मोर्चा प्रभारी एवं जिला अध्यक्ष संतोष बारोलिया, समिति संरक्षक मुन्ना सरकार, पदाधिकारी हेमराज गोखले, जी.पी. डोंगरे, ईश्वर हरोड़े, सादिक अली ने आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि बाबा साहेब अंबेडकर दिल्ली में 26 अलीपुर रोड़ के जिस बंगले में रहते थे जहां उनकी मृत्यु हुई थी, इस बंगले को महापरिनिर्वाण भूमि कहते हैं। यहां उन्होंने भारतीय संविधान, बुद्धा एवं हिज धम्मा ग्रंथ लिखा था। यहां से उन्होंने नागपुर में बौद्ध धर्म की दीक्षा की योजना का संचालन किया। यहां से उन्होंने भगवान के रूप में हमें सम्मान का जीवन एवं मानवीय अधिकार दिलाया था।उनकी यह स्मारक समाधी हमारा पावन तीर्थ स्थल है। डॉ.अंबेडकर परिनिर्वाण भूमि सम्मान समिति ने 20 वर्षों से आंदोलन संघर्ष करके यहां पर सुंदर स्मारक बना दिया है। लेकिन महापरिनिर्वाण भूमि समाधि के लिए अभी पूरा सम्मान लेना बाकी है अत: कमेटी का संघर्ष जारी है। संविधान रूपी स्मारक के आसपास के 8 बंगले अधिगृहित किए जायें। राजघाट जैसा दर्जा दिया जावें एवं स्मारक को विश्व धरोहर घोषित कर पर्यटन सूची में शामिल किया जावें। इसके अलावा कमेटी द्वारा यह भी मांग की गई कि मध्य प्रदेश बाबा साहब का जन्म प्रदेश है इसलिए मध्यप्रदेश विधानसभा में हॉफ छोटी प्रतिमा के स्थान पर ऊंची आदमकद प्रतिमा लगाई जावे। बाबा साहब भारतीय संविधान निर्माता है भारत रत्न से सम्मानित है। अत: उनके योगदान को दृष्टिगत रखते हुए दिल्ली में निर्मित नए संसद भवन का नाम डॉ.अंबेडकर संसद भवन रखा जाए।  बाबा साहब की जन्मस्थली महू में कमेटी के 20 वर्षों तक चले संघर्ष आंदोलन के कारण 2008 में सुंदर स्मारक बनकर तैयार हो चुका है।  किंतु यह श्रद्धालुओं को ठहराने एवं बड़ी सभा के लिए जगह किराये पर ली जाती है,अत: मांग की जाती है कि 10 एकड़ जमीन आवंटित की जावें। कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री इन्द्रेश गजभिए के आव्हान पर 8 सूत्रीय मांगों को लेकर 30 अप्रैल 2023 रविवार डॉ. अंबेडकर प्रतिमा बोर्ड ऑफिस के पास भोपाल में हमारे साथ अन्य वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के ईमानदार सच्चे और अच्छे लोग विशाल धरना भीम गर्जना कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। आरक्षण,संविधान एवं एट्रोसिटी एक्ट पर करोड़ों लोगों के विश्वास को बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर आतंकवाद को रोकने के लिए, विश्व स्तर पर भारत की छवि को टॉप बनाए रखने के लिए, देश की एकता अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने के लिए, हम सभी को प्रदेश राजधानी में एकजुट होकर विशाल जन सैलाब के साथ नए संकल्प के साथ देश के विकास के लिए अपनी उपस्थिति इतिहास में दर्ज करानी है। इतिहास के साक्षी बनना है।लिखे जाने वाले इतिहास में आप शामिल हैं। निम्नानुसार मांगों को लेकर विशाल धरना भीम गर्जना कार्यक्रम में शामिल होने का आग्रह जिला कमेटी द्वारा किया जाता है।

प्रमुख मांगे –
(1) मध्यप्रदेश विधानसभा भोपाल में डॉ. अंबेडकर जी की 24 फीट ऊंची आदमकद प्रतिमा लगाई जाये।
(2)  दिल्ली में नये निर्मित नयें संसद भवन का नाम डॉ. अंबेडकर संसद भवन रखा जाये।
(3)  बाबा साहब की जन्मस्थली महू को निकट की 10 एकड़ भूमि दी जाये।
(4)  बाबा साहब की महापरिनिर्वाण भूमि दिल्ली को निकट के 8 बंगले एवं राजघाट जैसा सम्मान का दर्जा दिया जाये।
(5) वर्ष 2010 में उज्जैन सम्मेलन में माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप 100 करोड़ का संत रविदास स्मारक तथा संत रविदास विश्वविद्यालय उज्जैन में बनाया जाये।
(6)  भारतीय संविधान का अपमान एवं बदलने एवं आरक्षण तथा एस.सी./ एस.टी. एट्रोसिटी एक्ट को खत्म करने की मांग करने वालों पर सरकार देशद्रोह का अपराध घोषित करें तथा उन्हें गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाही की जाये।
(7)  एस.सी./ एस.टी. वर्ग के जाति प्रमाण पत्र बनाने हेतु शासन – प्रशासन द्वारा सन् 1950 का रिकॉर्ड मांगने का नियम एवं बाध्यता खत्म की जाये।
(8)  बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा सन् 1932 में स्वीकृत कराये गये सेफ्रेट इलेक्ट्रोरोल (पृथक निर्वाचन) पद्धति को देश में लागू किया जाये।

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