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देवास पुनर्घनत्वीकरण योजना में भारी लेटलतीफी: समदड़िया ग्रुप पर गंभीर सवाल, कलेक्टर के निरीक्षण में दिखावटी काम उजागर

देवास, 5 जुलाई 2025: देवास में पुनर्घनत्वीकरण (Redensification) योजना के तहत समदड़िया ग्रुप को सरकारी जमीनों के बदले कई महत्वपूर्ण निर्माण कार्य पूरे करने हैं, लेकिन ये सभी परियोजनाएं एक से दो साल की भारी देरी से चल रही हैं। इनमें बायपास पर एक अत्याधुनिक आईएसबीटी (Inter State Bus Terminal) बस स्टैंड का निर्माण और नए कलेक्टर कार्यालय भवन का निर्माण प्रमुख हैं, जिनमें से कलेक्टर कार्यालय तो अब तक पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन यह अभी भी अधूरा है।
इसी क्रम में, कलेक्टर ऋतुराज सिंह ने इन दोनों निर्माणाधीन स्थलों का निरीक्षण किया। उन्होंने आईएसबीटी बस स्टैंड के निर्माण कार्यों का जायजा लिया और कुछ नए सुझाव भी दिए। देवास के बाईपास पर निर्माणाधीन आईएसबीटी बस स्टैंड की शहर से बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए MR-1 रोड का निर्माण बेहद आवश्यक है, और कलेक्टर ने इस सड़क के शीघ्र निर्माण पर भी जोर दिया, जिसका कार्य भी समदड़िया ग्रुप को ही सौंपा गया है।


प्रशासनिक भवन में दिखावटी काम का खुलासा
इसके अतिरिक्त, कलेक्टर ने प्रशासनिक भवन के निर्माण कार्य का भी निरीक्षण किया। हालांकि, यह हास्यास्पद स्थिति रही कि जिस प्रशासनिक भवन में काम बंद पड़ा था, कलेक्टर के निरीक्षण की सूचना मिलते ही वहां आनन-फानन में 20-25 मजदूरों को लाकर दिखावटी तौर पर काम शुरू कर दिया गया।


योजना पर उठते गंभीर सवाल
दरअसल, इस पूरे मामले का मूल बिंदु यह है कि समदड़िया ग्रुप ने सरकार से बहुमूल्य सरकारी जमीनें तो प्राप्त कर ली हैं, लेकिन उनके बदले उसे जो निर्माण कार्य करने थे, उनमें वह लगभग दो साल पीछे चल रहा है। इससे देवास के विकास के प्रति इस समूह की गंभीरता पर प्रश्नचिह्न लग रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर, जो सरकारी जमीनें इस समूह ने सरकार से ‘हथियाई’ हैं (जैसा कि आरोप है), उनकी कीमतें आसमान छू रही हैं।
यह स्थिति दर्शाती है कि एक ओर जहां इस समूह की ‘चारों उंगलियां घी में’ हैं, वहीं सरकार को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में, रेडेंसिफिकेशन योजना के क्रियान्वयन पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह योजना जानबूझकर किसी निजी समूह को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से सौंपी गई थी?

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