मल्हार स्मृति मंदिर में हुआ कारसेवकों का नागरिक अभिनंदन, कारसेवकों का बलिदान याद रखेगा हिंदुस्तान- गायत्रीराजे पवार
संस्था देशराग द्वारा आयोजित कारसेवकों के सम्मान समारोह में व्यक्त विचार
देवास। अयोध्या में नवनिर्मित भव्य श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो रही है। 500 वर्षो के सतत संघर्ष की बदौलत यह शुभ घड़ी आई है। श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष में कारसेवकों का बलिदान अतुलनीय है।
गर्व की बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ही रामलला को भव्य मंदिर को प्रतिष्ठित कर रहे है। जो स्वयं भी कारसेवक रहे है। विधायक श्रीमंत गायत्री राजे पवार ने उक्त उद्गार संस्था देशराग द्वारा आयोजित सैकड़ों कारसेवकों के सम्मान समारोह में व्यक्त किए। मल्हार स्मृति मंदिर सभागृह में आयोजित सम्मान समारोह में महामृत्युंज्य मठ के प.पू. महंत स्वामी प्रणवपुरी जी महाराज ने रामायण के विविध प्रसंगों के आधार पर समाज जागरण के भाव रखे।
समारोह के मुख्य वक्ता देश के प्रख्यात कवि, साहित्यकार सुमित ओरछा ने राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन, बालिदानी कारसेवकों एवं धर्मजागरण पर आधारित साहित्यिक कविताओं का पाठ किया। मंचासीन अतिथियो में महापौर प्रतिनिधि दुर्गेश अग्रवाल, निगम सभापति रवि जैन, संस्था देशराग संयोजक विजय गेहलोत उपस्थित थे। श्रीराम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन व माल्यार्पण से प्रारंभ हुए सम्मान समारोह में अतिथियों का शब्दों से स्वागत कार्यक्रम आयोजक राहुल शर्मा एवं पुष्पमाला से स्वागत शैलेन्द्र सिंह गौड ने किया। अतिथि परिचय वासुदेव परमार ने दिया। इस अवसर पर वरिष्ठ कारसेवक मनोहर विश्वकर्मा ने अयोध्या में 1990 की कारसेवा का वृतांत सुनाया। कोठारी बंधुओं की सबसे पहले मृतदेह उठाने वाले कार सेवक अरविंद महाजन भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार अरविंद त्रिवेदी ने किया। खचाखच भरे मल्हार स्मृति सभागृह में संस्था देशराग की ओर से सैकड़ो कारसेवकों का स्मृति चिन्ह एवं राम मंदिर का माडल भेंटकर, भगवा दुपट्टा ओढाते हुए सम्मान किया गया। कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित पूर्व सैनिकों का सम्मान भी संस्था द्वारा किया गया। प्रसिद्ध गायक देवेन्द्र पंडित ने अपनी सुमधुर आवाज से देशभक्ति गीतों से वातावरण ओजपूर्ण कर श्रोताओं में देशभक्ति का रंग भर दिया। आभार संस्था संयोजक विजय गेहलोत ने माना।