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देवास: पुलिस की बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक; 78 बैंक खातों से 7.5 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का भंडाफोड़, 12 गिरफ्तार

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देवास (मध्य प्रदेश): देवास पुलिस ने “ऑपरेशन सायबर” के तहत एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सायबर ठगी में मदद करने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। कोतवाली पुलिस ने इस मामले में कुल 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो स्थानीय निवासियों को पैसों का लालच देकर उनके बैंक खाते खरीदते थे और उनका इस्तेमाल सायबर फ्रॉड की काली कमाई को ठिकाने लगाने में करते थे। पुलिस जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि इस गिरोह ने पिछले मात्र तीन महीनों में 78 बैंक खातों के जरिए लगभग 7.5 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेन-देन किया है। पकड़े गए आरोपियों में खाते खुलवाने वाले एजेंट, खाते बेचने वाले स्थानीय लोग और क्रिप्टो करंसी के जरिए पैसा विदेश भेजने वाले मुख्य हैंडलर शामिल हैं।


इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब फरियादी रवि चौहान ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनके नाम पर खोले गए बैंक खातों और एटीएम कार्ड का धोखाधड़ी पूर्वक दुरुपयोग किया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक श्री पुनीत गेहलोद के निर्देश पर एक विशेष टीम का गठन किया गया। जांच के दौरान NCRP (National Cyber Crime Reporting Portal) पोर्टल से मिली जानकारी और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर यह पता चला कि देवास में खोले गए इन खातों का उपयोग देश के विभिन्न राज्यों में हुई सायबर ठगी की वारदातों में किया जा रहा है।


पुलिस द्वारा किए गए खुलासे के अनुसार, गिरोह का काम करने का तरीका बेहद शातिर था। आरोपी इरशाद और आसिम स्थानीय लोगों को चंद रुपयों का प्रलोभन देकर यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र में खाते खुलवाते थे। इसके बाद, वे खाताधारकों से पासबुक, एटीएम कार्ड और लिंक की गई सिम लेकर उन्हें मुख्य आरोपी अकबर और हर्ष को बेच देते थे। अकबर और हर्ष इन खातों में आए ठगी के पैसों से तुरंत ‘बाइनेंस’ (Binance) और ‘बायबिट’ (Bybit) जैसी एप्लिकेशन के जरिए डिजिटल करेंसी खरीदते थे और उसे टेलीग्राम पर ऊंचे दामों में सायबर ठगों को बेच देते थे। गिरोह ने जानबूझकर यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र को चुना क्योंकि इनमें प्रतिदिन की विड्रॉल लिमिट अन्य बैंकों की तुलना में अधिक थी, जिससे वे पैसा होल्ड होने से पहले ही निकाल लेते थे।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 78 बैंक खातों की जानकारी, कई बैंक किट, सिम कार्ड और एक स्कूटी जब्त की है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4) और 316(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। देवास पुलिस ने इस कार्रवाई के साथ ही आम जनता के लिए एक सख्त एडवाइजरी जारी की है।

कुछ रुपयों के लालच में किसी के कहने पर न तो बैंक खाता खुलवाएं और न ही अपने बैंक खातों का उपयोग किसी अन्य व्यक्ति को करने दें। अपनी पासबुक, एटीएम और सिम किसी से साझा न करें।