
देवास, 25 अक्टूबर 2025: देवास जिले में लोहे, पीवीसी और अन्य धातु के पाइपों में विस्फोटक सामग्री भरकर बनाए जाने वाले खतरनाक “कार्बाइड गन” के निर्माण, बिक्री, भंडारण और उपयोग पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ऋतुराज सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत यह आदेश जारी किया है, जो जिले की संपूर्ण राजस्व सीमा में लागू होगा।
इस आदेश के तहत कोई भी व्यक्ति, संस्था या व्यापारी ऐसी अवैध संशोधित आतिशबाजी का निर्माण, विक्रय, भंडारण या उपयोग नहीं करेगा, जो अत्यधिक ध्वनि उत्पन्न करती हो। साथ ही, इनके प्रदर्शन या हस्तांतरण पर भी सख्त रोक है। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारी (एसडीएम) और अधिकारी (एसडीओ) को अपने क्षेत्रों में आदेश का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
हाल के हादसों ने बढ़ाई सतर्कता
मध्यप्रदेश के अन्य जिलों में कार्बाइड गन के उपयोग से हुए भयावह हादसों ने देवास प्रशासन को यह कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है। दीपावली के दौरान सोशल मीडिया पर वायरल हुए इन ‘देसी पटाखा गन’ ने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं। विभिन्न समाचारों के अनुसार, प्रदेश भर में अब तक करीब 300 से अधिक लोग, ज्यादातर बच्चे, इनके उपयोग से आंखों में गंभीर चोटें झेल चुके हैं। इनमें से कम से कम 14 बच्चों ने हमेशा के लिए अपनी आंखों की रोशनी खो दी है, जबकि 30 से अधिक की हालत इतनी गंभीर है कि उन्हें स्थायी अंधापन का सामना करना पड़ सकता है।
भोपाल में अकेले 124 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं, जहां हमीदिया अस्पताल में भर्ती 14 वर्षीय हेमंत पंथी और 15 वर्षीय आरिस जैसे बच्चे गंभीर रूप से प्रभावित हुए। विदिशा जिले में सबसे ज्यादा तबाही मची, जहां 14 बच्चों की आंखों की रोशनी चली गई और 25 से अधिक लोग घायल हुए। यहां एक विक्रेता को गिरफ्तार भी किया गया, जिसके पास से 25 गन और बड़ी मात्रा में कैल्शियम कार्बाइड जब्त हुआ। ग्वालियर में तीन दिनों में 19 युवा घायल हुए, जबकि इंदौर में 9 बच्चे प्रभावित हुए, जिनमें तीन की रोशनी लौटना असंभव बताया जा रहा है।
ये हादसे तीन दिनों में ही हुए, जब बच्चे 150-200 रुपये कीमत वाली इन गनों को सोशल मीडिया रील्स और वीडियोज के चक्कर में आजमाते रहे। कैल्शियम कार्बाइड और पानी के मिश्रण से बनी एसिटिलीन गैस के विस्फोट ने आंखों, चेहरे और त्वचा को झुलसा दिया, जिससे थर्मो-केमिकल बर्न हो गए।
क्यों घातक है कार्बाइड गन?
कार्बाइड गन में कैल्शियम कार्बाइड और पानी का मिश्रण एसिटिलीन गैस पैदा करता है, जो जलने पर तेज धमाका करता है। यह न केवल आंखों के लिए, बल्कि मस्तिष्क, तंत्रिका तंत्र और पर्यावरण के लिए भी विषैला है। दीपावली के अलावा विवाह समारोहों और अन्य आयोजनों में भी इसका उपयोग देखा गया, जिससे जन-धन की हानि का खतरा बढ़ गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी 18 अक्टूबर को जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे, लेकिन बाजारों में बिक्री जारी रही।
प्रशासन की अपील और आगे की कार्रवाई
देवास प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे केवल अधिकृत और सुरक्षित आतिशबाजी का उपयोग करें। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा, “ये हादसे हमें सतर्क कर रहे हैं। देवास में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी।” जिला स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, और अवैध बिक्री पर नजर रखी जा रही है।
प्रदेश में भोपाल, ग्वालियर और विदिशा जैसे जिलों में पहले ही प्रतिबंध लग चुका है, और पुलिस ने सैकड़ों गन जब्त की हैं। इस सख्ती से देवास में एक सुरक्षित दीपावली की उम्मीद है, जहां स्वास्थ्य, पर्यावरण और कानून-व्यवस्था सर्वोपरि रहे।