देवास

इंदौर–देवास रोड पर 32 घंटे का भीषण जाम, 3 लोगों की मौत; प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप

देवास। इंदौर और देवास के बीच नेशनल हाईवे पर बीते दिनों हुए भीषण ट्रैफिक जाम ने जानलेवा रूप ले लिया। पुल निर्माण और अव्यवस्थित ट्रैफिक व्यवस्था के चलते करीब 32 घंटे तक लगभग 8 किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा, जिसमें 4000 से ज्यादा वाहन फंस गए। इस भयावह स्थिति में तीन लोगों की मौत हो गई—दो को हार्ट अटैक आया और एक कैंसर मरीज की ऑक्सीजन खत्म हो जाने के कारण मृत्यु हो गई। स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने इसे प्रशासन की घोर लापरवाही बताया है।

मृतकों में बिजलपुर, इंदौर निवासी 62 वर्षीय कमल पंचाल शामिल हैं, जो अपनी बहन की तेरहवीं में शामिल होने देवास जा रहे थे। जाम में फंसने के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया और समय पर अस्पताल न पहुंच पाने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। इसी तरह गारी पिपल्या गांव निवासी 32 वर्षीय संदीप पटेल की भी जाम में फंसने के दौरान हार्ट अटैक से मौत हो गई। तीसरे मृतक बलराम पटेल, शुजालपुर के कैंसर पीड़ित थे और ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे। जाम के कारण ऑक्सीजन खत्म हो गई और समय पर मदद न मिल पाने से उन्होंने दम तोड़ दिया।

मृतकों की पहचान

1. कमल पंचाल (62), निवासी बिजलपुर, इंदौर
बहन की तेरहवीं में शामिल होने देवास जा रहे थे। जाम में फंसने के बाद उन्हें हार्ट अटैक आया और समय पर अस्पताल न पहुंच पाने से मृत्यु हो गई।

2. संदीप पटेल (32), निवासी गारी पिपल्या
अपने बीमार रिश्तेदार को लेकर अस्पताल जा रहे थे। वाहन में ही हार्ट अटैक से मौत हो गई।

3. बलराम पटेल (55), निवासी शुजालपुर
कैंसर मरीज थे और ऑक्सीजन पर थे। जाम के चलते ऑक्सीजन खत्म हो गई, जिससे दम तोड़ दिया।

यह जाम इंदौर–देवास बायपास पर अर्जुन बड़ौदा पुल निर्माण कार्य के कारण लगा। बारिश के कारण सड़कों पर कीचड़ और जलभराव ने स्थिति को और खराब कर दिया। इस दौरान कई एम्बुलेंस, स्कूल बसें, और यहां तक कि वीवीआईपी काफिले भी फंस गए। राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी इस अव्यवस्था का शिकार बने। घटनास्थल पर केवल चार ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात थे, जो स्थिति को नियंत्रित करने में असमर्थ रहे।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि वे पिछले एक महीने से लगातार इस समस्या की ओर प्रशासन का ध्यान दिला रहे थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। किसान नेता हंसराज मंडलोई ने दावा किया कि निर्माण कार्य के दौरान सर्विस रोड नहीं बनाई गई और ट्रैफिक डायवर्जन के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए, जिससे ऐसी स्थिति बनी।

घटना के बाद इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने आपात बैठक बुलाई और मानसून के दौरान ट्रैफिक संचालन को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने निर्माण के दौरान वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था, चालानी कार्रवाई को फिलहाल रोकने और टोल टैक्स में राहत देने पर विचार की बात कही है। वहीं, देवास जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रशासन को पत्र लिखकर सर्विस रोड के निर्माण और निर्माण कार्य पूरा होने तक टोल टैक्स स्थगित करने की मांग की है।

यह जाम सिर्फ एक यातायात समस्या नहीं, बल्कि शासन और प्रशासनिक समन्वय की विफलता को उजागर करता है। यह घटना बताती है कि यदि बुनियादी योजना और जन-संवेदनशीलता को समय रहते प्राथमिकता नहीं दी जाती, तो नतीजे कितने गंभीर हो सकते हैं। तीन निर्दोष नागरिकों की मौत यह सवाल उठाती है कि क्या सड़कों का विकास, जनता की जान से ज्यादा अहम हो गया है?

san thome school
Sneha
sardana
Back to top button